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यहां कांग्रेस केवल तीन बार जीत सकी लोक सभा चुनाव, लेकिन इस बार राहुल गांधी ने BJP के गढ़ को ढहाने की बनाई रणनीति!

By रामदीप मिश्रा | Updated: March 7, 2019 15:56 IST

साल 2018 के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने नया लक्ष्य निर्धारित किया है। वह प्रदेश की सभी लोक सभा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। लेकिन, उनके सपने को तोड़ने के लिए बीजेपी भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। 

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ठळक मुद्देयहां पहला चुनाव 1952 में हुआ था और कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। 1957 में निर्दलीय नेता हरीशचन्द्र शर्मा जीते। जयपुर लोक सभा सीट पर 1989 से लेकर 2004 तक बीजेपी का कब्जा रहा। उनके प्रत्याशी गिरधारी लाल भार्गव यहां से लगातार छह बार जीते।साल 2014 में हुए लोक सभा चुनाव में जयपुर निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19, लाख, 56 हजार, 953 थी।

राजस्थान की 25 लोक सभा सीटों में से सूबे की राजधानी गुलाबी नगरी यानि जयपुर लोक सभा सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। यह सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ मानी जाती रही है। यहां कांग्रेस अभी तक सिर्फ तीन बार जीत हासिल कर सकी है। साल 2018 के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने नया लक्ष्य निर्धारित किया है। वह प्रदेश की सभी लोक सभा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। लेकिन, उनके सपने को तोड़ने के लिए बीजेपी भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। 

टिकट के लिए नेताओं की लगी लाइन     

इधर, लोक सभा चुनाव-2019 के लिए प्रत्याशियों का चुनाव करना पार्टियों के लिए फिलहाल बड़ी चुनौती बनी हुई है। बीजेपी अपने मौजूदा सांसद राम चरण बोहरा पर फिर से दांव आजमायेगी इस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो सकी है क्योंकि कई दिनों से कहा जा रहा है कि पार्टी दिया कुमारी और अशोक लाहोटी को भी यहां से टिकट दे सकती है। हालांकि पिछले दिनों जयपुर के दौरे पर आईं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बोहरा के काम की जमकर तारीफ की। इससे कयास लगाए जाने लगे हैं कि पार्टी फिर से उन्हें मौका दे सकती है। वहीं, कांग्रेस की ओर से कई नेता टिकट पाने के लिए लाइन में हैं। जिनमें अर्चना शर्मा, ज्योति खंडेलवाल, सुनील शर्मा और महेश शर्मा का नाम आगे बताया जा रहा है। हालांकि टिकट बंटवारे पर आखिरी फैसला राहुल गांधी को लेना है।  

गिरधारी लाल भार्गव ने जीती 6 बार सीट 

जयपुर लोक सभा सीट पर 1989 से लेकर 2004 तक बीजेपी का कब्जा रहा। उनके प्रत्याशी गिरधारी लाल भार्गव यहां से लगातार छह बार जीते। 2009 के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से घनश्याम तिवाड़ी को मैदान में उतारा था, लेकिन उसे इस बार असफलता हाथ लगी और सातवीं बार सीट जीतने का सपना टूट गया। कांग्रेस को आखिरकार 2009 के चुनाव में जीत मिल गई, लेकिन वह 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर के सामने इस सीट को बचा नहीं पाई। इस बार दोनों ही पार्टियों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। 

जयपुर लोक सभा सीट का इतिहास

अगर जयपुर लोक सभा साल सीट के इतिहास की बात करें तो यहां पहला चुनाव 1952 में हुआ था और कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। 1957 में निर्दलीय नेता हरीशचन्द्र शर्मा जीते। इसके बाद 1962, 1967, 1971 का चुनाव जयपुर राजघराने की पूर्व राजमाता गायत्री देवी ने स्वंतत्र पार्टी से लगातार तीन बार जीता। 1977 में पहली बार भारतीय लोक दल ने जीत हासिल की। 1980 में जनता पार्टी जीती। कांग्रेस ने 1984 में वापसी की। इसके बाद 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 का चुनाव लगातार बीजेपी ने छह बार जीता और गिरिधारी लाल भार्गव सांसद रहे। हालांकि 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की और महेश जोशी सांसद बने, लेकिन साल 2014 के चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी से राम चरण बोहरा जीत दर्ज कर लोक सभा पहुंचे।

चुनाव आयोग के आंकड़े

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2014 में हुए लोक सभा चुनाव में जयपुर निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19, लाख, 56 हजार, 953 थी। इनमें से 12 लाख, 93 हजार, 130 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था और 66.08 फीसदी वोटिंग हुई थी। बीजेपी के खाते में 8 लाख, 63 हजार, 358 वोट गए थे। वहीं, कांग्रेस को 3 लाख, 24 हजार, 13 वोट मिले थे। बीजेपी के उम्मीदवार राम चरण बोहरा ने कांग्रेस के उम्मीदवार महेश जोशी को 5 लाख, 39 हजार, 345 वोटों के अंतर से हराया था।

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