लोकसभा 2019: किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस आगे बढ़ी, भाजपा उलझन में?
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: January 5, 2019 22:16 IST2019-01-05T22:16:11+5:302019-01-05T22:16:11+5:30
याद रहे, एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जिस तरह से सरकार बनते ही राज्य सरकारों की ओर से किसानों की कर्जमाफी की गई, कांग्रेस अब उसे भुनाने की कोशिश कर रही है.

फाइल फोटो
लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा गरमा रहा है. जहां कांग्रेस इसे कामयाबी का फार्मूला मान कर आगे बढ़ रही है, वहीं भाजपा उलझन में है, क्योंकि यदि पीएम मोदी सरकार कर्ज माफी करती है तो कांग्रेस अपनी जीत की तरह इसे प्रचारित करेगी और यदि नहीं करती है तो लोस चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
राजस्थान में कर्ज माफी का एलान करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस देश के किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे को लेकर खास संदेश देने की तैयारी कर रही है. इसकी शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 9 जनवरी 2019 को जयपुर से करेंगे.
याद रहे, एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जिस तरह से सरकार बनते ही राज्य सरकारों की ओर से किसानों की कर्जमाफी की गई, कांग्रेस अब उसे भुनाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए जयपुर में एक बड़ी रैली आयोजित की जा रही है. जिसमें दो संदेश प्रमुखता से देने का प्रयास होगा, एक- कांग्रेस किसानों के हितों की रक्षा करने में आगे है और इसीलिए कर्जमाफी की गई है, दो- कांग्रेस जो वादा करती है, वह निभाती है, कांग्रेस के वादे जुमले नहीं हैं.
जाहिर है, इस रैली के जरिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को घेरने की कोशिश तो कर ही रही है, देश में अपनी सियासी जमीन भी मजबूत करने का प्रयास कर रही है.
इस रैली के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों की कर्जमाफी की मांग उठा कर पीएम मोदी सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे. यही नहीं, एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी को उपलब्धि के तौर पर भी पेश किया जाएगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि- हम किसानों की कर्जमाफी को लेकर तब तक केंद्र की मोदी सरकार को लगातार घेरते रहेंगे, जब तक देशभर में किसानों की कर्जमाफी का ऐलान नहीं हो जाए.
राहुल गांधी की रैली की तैयारियां जोरो पर हैं, क्योंकि इसके जरिए देशभर में कांग्रेस की बढ़ती ताकत का संदेश दिया जाएगा. इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और आवश्यक निर्देश दे रहे हैं.
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों की कर्जमाफी को लेकर जो नजरिया सामने आ रहा है, वह कई भाजपा समर्थकों को भी बेचैन कर रहा है, इनका मानना है कि इससे अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है.
पीएम मोदी का मानना है कि- देश में अगर कर्ज माफी से किसानों का भला होता है तो यह करना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है! हमें ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान कर्ज न लें. किसानों को इन सबसे बाहर निकालने के लिए आवश्यक है- उन्हें सशक्त बनाना. किसानों को बीज से लेकर बाजार तक सुविधाएं उपलब्ध कराना और हम यह कार्य कर रहें है.
पीएम मोदी के इस विचार से सैद्धान्तिक रूप से तो भाजपा समर्थक सहमत हैं, लेकिन वे मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यदि किसानों की कर्ज माफी जैसा कोई प्रायोगिक कदम नहीं उठाया गया तो भाजपा को नुकसान होगा.
बहरहाल, जहां कांग्रेस, किसानों की कर्जमाफी को जीत का सियासी दाव मान रही है, वहीं भाजपा अभी उलझन में है. देखना दिलचस्प होगा कि क्या पीएम मोदी सरकार भी किसानों की कर्जमाफी की ओर कदम बढ़ाने को मजबूर होती है?