लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके कैंप के करीब ही मिलेगा काम, गृह मंत्रालय ने जारी किए निर्देश, जानें पूरा प्लान
By नितिन अग्रवाल | Updated: April 20, 2020 06:58 IST2020-04-20T06:58:41+5:302020-04-20T06:58:41+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 24 मार्च को 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी लेकिन अब इसकी अवधि को तीन मई तक बढ़ा दिया गया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी कामगारों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने उनके आश्रय स्थल के नजदीक ही रोजगार उपलब्ध करवाने की योजना बनाई है. सरकार ने इन सभी प्रवासी कामगारों को सोमवार से आश्रय स्थल से राज्य की सीमा में ही अपने कार्यस्थल विनिर्माण,कारखानों इकाइयों,खेत-फार्म आदि तक आने जाने की अनुमति देने का फैसला किया है. देश में लॉकडाउन की वजह से बहुत सारे प्रवासी श्रमिक-कामगार अपने घरों से दूर दूसरे राज्यो में फंसे हुए हैं. इनमें काफी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो पैदल ही घर के लिए निकल पड़े थे, जिन्हें रास्ते में ही रोककर राज्य सरकारों ने आश्रय स्थलों में क्वारंटीन कर रखा गया है.
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को जारी किए निर्देश
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों में फंसे इन प्रवासी मजदूरों के आने -जाने को लेकर कुछ दिशानिर्देश ( स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम) जारी किए हैं. इसके अनुसार किसी भी श्रमिक को राज्य या केंद्रशासित क्षेत्र की सीमा से बाहर जाने की इजाजत नहीं है, लेकिन राज्य के अंदर ही उनका आवागमन कुछ नियमों को ध्यान में रखते हुए हो सकता है. सरकार ने ये फैसला किया है कि इन फंसे हुए मजदूरों का इस्तेमाल विनिर्माण(कंस्ट्रक्शन) उद्योगों ,कृ षि ,मनरेगाऔर अन्य कामों में किया जा सकता है. 20 अप्रैल के बाद से सरकार संक्र मण जोन के बाहर इस तरह के सभी कार्य शुरू करने की इजाजत दे चुकी है. ऐसे में वहां काम करने वालों की कमी को यह प्रवासी कागगार पूरा कर सकते हैं. इन कामगारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए यह दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
क्या हैं दिशा-निर्देश -
-किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में रह रहे प्रवासी मजदूर अभी जहां पर भी आश्रय में रह रहे हैं, उनका स्थानीय प्राधिकारियों के साथ रजिस्टर होना जरूरी है स्थानीय प्रशासन उनकी दक्षता का पंजीकरण करेगा जिससे दक्षता के आधार पर उन्हें काम दिया जा सके..
-अगर प्रवासी मजदूरों का कोई समूह अपने काम करने की जगह वापस लौटना चाहता है और वह उसी राज्य में किसी दूसरी जगह है तो पहले उसकी स्क्र ीनिंग होगी और अगर वह स्वस्थ पाया जाता है तो उसे काम की जगह पर पहुंचा दिया जाएगा.
-यह ध्यान देना जरूरी है कि किसी भी श्रमिक को राज्य या केंद्र शासित प्रदेश,जहां वह रह रहा है, उससे बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी. -बस से यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है. साथ ही जिन बसों के जरिए इन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाएगा, उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों की गाइडलाइन्स के मुताबिक सैनिटाइज करना होगा.
-15 अप्रैल को कोविड-19 के नियंत्रण के संबंध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन होना जरूरी है. -स्थानीय प्राधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वह कामगारों को उनकी यात्रा के दौरान खाना-पानी मुहैया कराएं.