लॉकडाउन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसन योजना में 30 से 40 फीसदी तक इजाफा हुआ है। लोग चिकित्सकों से टेलीमेडिसन योजना के तहत वीडियोकॉल और वाट्सएप के जरिए लोग घर बैठे चिकित्सकों से सलाह ले रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों की ओर से भी बड़े अस्पतालों से टेलीमेडिसन सुविधा का लाभ उठाया जा रहा है।
टेलीमेडिसन नेटवर्क के जरिए काफी अस्पताल आपात की इस स्थिति में एक दूसरे से जुड़कर रोगियों का उपचार कर रहे हैं। खासकर कोविड-19 सेंटर और अस्पतालों को टेलीमेडिसन नेटवर्क से जोड़ा गया है। जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विकसित मॉडल की ट्रेनिंग भी ई-नेटवर्क पर साझा की जा रही है।
कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) नेटवर्क के आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान डेटा खपत में एक महीने के अंदर करीब 100 फीसदी की बढोत्तरी हुई है। इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस रखने वाली सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज के अनुसार 10 मार्च ग्रामीण भारत में डेटा खपत 2.7 टेराबाइट (टीबी) थी, इसकी खपत 30 मार्च तक बढकर 4.7 टेराबाइट (टीबी) दर्ज की गई है।
सीएससी एसपीवी के सीईओ दिनेश त्यागी ने लोकमत से कहा कि ग्रोथ ट्रेंड देखने से पता चलता है कि सीएससी नेटवर्क पर डेटा की खपत में आज तक करीब 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि समय की तालाबंदी शुरू होने के बाद से डेटा की खपत में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। त्यागी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डेटा खपत में वृद्धि के अलावा एफटीटीएच (फ़ाइबर टू होम) की उच्च मांग हो रही है।
20 मार्च को 50 हजार ग्राम पंचायतों में 3 लाख से अधिक ग्राहक पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीएससी वाई-फाई चौपाल सेवाओं के नाम पर करीब 25 हजार ग्राम पंचायतों में वाईफाई हॉटस्पॉट भी उपलब्ध कराता है। वाई-फाई चौपाल में 12 लाख से अधिक पंजीकृत ग्राहक हैं जो मोबाइल कनेक्शन के पूरक के रूप में इसका उपयोग करते हैं।
त्यागी ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट डेटा की उच्च मांग को दर्शाता है। इससे ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त और परिवर्तित किया जा सकता है।
भारत में 60 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और इसमें से करीब 29 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। सरकार हर ग्रामीण घर में ब्रॉडबैंड सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से भारत नेट परियोजना को लागू कर रही है और पंचायत स्तर पर भारत नेट का संचालन, प्रबंधन और समर्थन करने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत सीएससी संगठन को जिम्मेदारी दी गई है। इसने अब तक एक लाख से अधिक पंचायतों को भारतनेट परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया है।