लॉकडाउन छूट: तेलंगाना ने मंत्री ने केंद्र पर उठाया सवाल, कहा-2 करोड़ फंसे हुए हैं, बस से बेहतर विकल्प है ट्रेन
By निखिल वर्मा | Updated: April 30, 2020 15:42 IST2020-04-30T15:42:09+5:302020-04-30T15:42:09+5:30
भारत में कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर 25 मार्च से ही देशव्यापी लॉकडाउन जारी है जो तीन मई 2020 तक रहेगा. इसके चलते विभिन्न राज्यों में छात्र और मजदूर अपने घर से दूर फंसे हुए हैं.

एएनआई फोटो
तेलंगाना के मंत्री तलासनी श्रीनिवास यादव ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। केंद्र सरकार ने 29 अप्रैल को आदेश में विभिन्न राज्यों में फंसे छात्रों और मजूदरों को बसों वापस लाने के लिए निर्देश दिए हैं। तेलंगाना के मंत्री ने कहा है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में 2 करोड़ लोग फंसे हुए हैं। केंद्र सरकार का दिशा-निर्देश सही नहीं है। इस गर्मी में लोग बसों में 3 से 4 दिन कैसे यात्रा कर सकते हैं? बस से बेहतर परिवहन का साधन ट्रेन हैं।
Over 2 crore people are stranded in different States amid #lockdown. Central govt's guidelines (on their movement) are not appropriate. How can people travel 3 to 4 days in buses in this heat? Train is better mode of transport than bus: Telangana Minister Talasani Srinivas Yadav pic.twitter.com/VaEominWw0
— ANI (@ANI) April 30, 2020
इससे पहले कोरोना लॉकडाउन के दौरान देश भर में फंसे लाखों लोगों को सरकार ने राहत दी है। गृह मंत्रालय के ताजा आदेश के बाद अब अन्य राज्य में फंसे मजदूर, विद्यार्थी, तीर्थयात्री और पर्यटक जल्द ही अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में फंसे महाराष्ट्र तथा उत्तरप्रदेश के विद्यार्थियों को विशेष बस से अपने-अपने राज्य में वापस लाने को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच बहस होने लगी थी। बहरहाल, गृह मंत्रालय ने राज्यों को फंसे लोगों को लाने और ले जाने की व्यवस्था के लिए सीमित पाबंदियों के साथ गाइडलाइंस जारी किया है।
लॉकडाउन छूट में इन नियमों करना पड़ेगा पालन
राज्य इस काम के लिए नोडल आथॉरिटीज नामित करेंगे और फिर ये आथॉरिटीज अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की आथॉरिटीज एक-दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिये लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी। जो लोग जाना चाहेंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति होगी।
लोगों की आवाजाही के लिए बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बिठाया जाएगा। कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा।
गंतव्य पर पहुंचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ आथॉरिटीज की ओर से जांच की जाएगी। बाहर से आए लोगों को घूमने-फिरने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें होम क्वारंटाइन में ही रहना होगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है और उनकी समय-समय पर जांच होती रहेगी। ऐसे लोगों को 'आरोग्य सेतु' एप्प का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।