लॉकडाउन: लाखों लीटर बीयर हो सकती है बर्बाद, उत्तरी राज्यों में अटकी 700 करोड़ रुपये की अंग्रेजी शराब

By भाषा | Updated: May 3, 2020 20:19 IST2020-05-03T20:19:45+5:302020-05-03T20:19:45+5:30

इसके साथ ही नये वित्त वर्ष के शुरू हो जाने से दिल्ली को छोड़ अन्य उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भारत निर्मित अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की करीब 12 लाख बोतलें अटक गयी हैं।

Lockdown: Millions of liters of beer may be wasted, English liquor worth Rs 700 crore stuck in northern states | लॉकडाउन: लाखों लीटर बीयर हो सकती है बर्बाद, उत्तरी राज्यों में अटकी 700 करोड़ रुपये की अंग्रेजी शराब

लॉकडाउन: लाखों लीटर बीयर हो सकती है बर्बाद, उत्तरी राज्यों में अटकी 700 करोड़ रुपये की अंग्रेजी शराब

Highlights इस कारण लॉकडाउन के बढ़ने से इनके खराब होने का खतरा उपस्थित हो गया है। एसोसिएशन ने मांग की है कि बीयर उत्पादकों को टेक-अवे सुविधा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिये ताकि उनका व्यवसाय प्रभावित न हो।

नयी दिल्ली: कोराना वायरस महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन (बंद) की अवधि बढ़ जाने से बीयर बनाने वाली 250 छोटी इकाइयों के समक्ष करीब आठ लाख लीटर ताजी बीयर के बर्बाद होने का जोखिम खड़ा हो गया है। इसके अलावा उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये लागत की तैयार अंग्रेजी शराब की खेप अटक गयी है। शराब उद्योग के जानकारों का कहना है कि बोतलबंद बीयर की तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब होती है। इस कारण लॉकडाउन के बढ़ने से इनके खराब होने का खतरा उपस्थित हो गया है।

इसके साथ ही नये वित्त वर्ष के शुरू हो जाने से दिल्ली को छोड़ अन्य उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भारत निर्मित अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की करीब 12 लाख बोतलें अटक गयी हैं। लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण इन्हें बेच पाना संभव नहीं है। ऐसे में संबंधित राज्यों से इन्हें बेचने के लिये मंजूरियों की जरूरत है। बीयर उद्योग के परामर्शदाता ईशान ग्रोवर ने कहा कि बोतलबंद बीयर तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब होती हैं।

इस कारण गुड़गांव में कई इकाइयों ने ताजी बीयर को नालियों में बहाना शुरू कर दिया है, क्योंकि इन्हें ताजा रखने के लिये लगातार बिजली की जरूरत होती है। क्राफ्ट ब्रेवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, लॉकडाउन के कारण देश भर में लगभग आठ लाख लीटर ताजी बीयर के भंडारण वाले सभी संयंत्र बंद पड़े हैं और अगर जल्द से जल्द कोई समाधान नहीं निकलता है, तो इन्हें भी नालियों में बहाना पड़ जायेगा। एसोसिएशन ने मांग की है कि बीयर उत्पादकों को टेक-अवे सुविधा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिये ताकि उनका व्यवसाय प्रभावित न हो।

महाराष्ट्र क्राफ्ट ब्रीवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नकुल भोंसले ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘नये दिशानिर्देशों में कई छूट दी गयी हैं, लेकिन बीयर बार और क्लबों को कोई छूट नहीं मिली है। बीयर उत्पादकों को टेक-अवे सुविधा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिये। ऐसा करने से लोगों के बीच आपसी दूरी का सख्ती से पालन किया जा सकता है।"

क्राफ्ट ब्रेवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अधिकारी तथा बेंगलुरू में ब्रेवपब टूइट चलाने वाले शिबि वेंकटराजू ने कहा कि देश में 250 माइक्रोब्रेवरी हैं और वे लगभग 50,000 लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से बीयर प्लांट बंद हैं। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज के महानिदेशक विनोद गिरि ने कहा कि दिल्ली को छोड़ अन्य उत्तरी राज्यों में बंद के कारण आईएमएफएल की करीब 12 लाख बोतलें अटक गयी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘700 करोड़ रुपये के इस स्टॉक को पिछले वित्त वर्ष में ही खत्म करना था, लेकिन 25 मार्च से बंद लागू हो गया। इन्हें नये वित्त वर्ष में बेचने के लिये राज्य सरकारों से अनुमति की जरूरत है।’’ गृह मंत्रालय के नये दिशानिर्देशों के अनुसार, एक समय में अधिकतम पांच व्यक्तियों के साथ न्यूनतम छह फीट की सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के बाद शराब, पान और तंबाकू की बिक्री की अनुमति दी जा सकती है। ये दुकानें शहरी क्षेत्रों के बाजारों और मॉल में नहीं होने चाहिये। 

Web Title: Lockdown: Millions of liters of beer may be wasted, English liquor worth Rs 700 crore stuck in northern states

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