नयी दिल्ली: देश भर में जारी कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस ने कहा कि बिना योजना के नोटबंदी की तरह ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश भर में लॉडाउन लगा दिया है।
इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार के इस नासमझी की वजह से देश के करोड़ों लोगों की नौकरी हाथ से चली गई है। देश में करोड़ों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आने वाले दो से तीन सप्ताह में लाखों नौकरी जाने की आशंका है। ऐसे में केंद्र सरकार ने बोरोजगार होने वाले इन युवाओं के बारे में क्या सोचा है? भाजपा सरकार के पास क्या इन करोड़ों लोगों को मदद करने की कोई योजना है?
बता दें कि इससे पहले भी सोनिया गांधी ने लॉकडाउन व कोरोना महामारी से लड़ने में भाजपा सरकार की नीति को लेकर सवाल खड़ा किए हैं। इससे पहले सोनिया ने कहा था कि भाजपा देश को उस समय धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर बांटने में लगी है जब समूचा देश कोरोना जैसी महामारी से संघर्ष कर रहा है।
बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने महाराष्ट्र के पालघर की घटना को भाजपा द्वारा साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश के संदर्भ में तल्ख़ टिप्पणी की, उन्होंने शिकायत भरे लहज़े में साफ़ किया कि मोदी सरकार कांग्रेस के सुझावों को आधे -अधूरे मन से संज्ञान में ले रही है, यह जानते हुये कि देश गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है।
ग़रीब भूखे पेट है, प्रवासी मज़दूर घर जाने को भटक रहे हैं ,उद्द्योग चौपट हो चुके हैं, किसान परेशान है, कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है लेकिन फिर भी सरकार इन समस्याओं को आंशिक रूप में देख रही है।
गुरूवार को कांग्रेस की बैठक में कोरोना महामारी और उसके खिलाफ लड़ी जाने वाली जंग को चार हिस्सों में बाँट कर चर्चा की ,जिसमें रोकथाम एवं इलाज़ ,आजीविका का साधन ,आवश्यक बस्तुओं की सप्लाई ,आर्थिक पुनरोद्धार शामिल थे। पार्टी फिर दोहराया कि गरीबों के खातों में 7500 रुपये नक़द डाले जायें ताकि वह और उसका परिवार जीवित रह सके। सोनिया ने चिंता जताते हुये कहा कि आज देश में छोटे ,बड़े और मध्यम उद्योगों की लॉक डॉउन के कारण जो हालत हो गयी है उससे 12 करोड़ लोग अपना रोज़गार अब तक खो चुके हैं यदि हालातों को नहीं सुधारा गया तो देश में कोहराम मच जायेगा।
ऐसे हालत ग़रीबों, दिहाड़ी मजदूरों के सामने हैं। 11 करोड़ गरीब आज ऐसे हैं जिनको सार्वजानिक वितरण प्रणाली का लाभ नहीं मिल रहा है, इनकी चिंता क्या सरकार को नहीं करनी चाहिये। कांग्रेस मांग करती है कि प्रत्येक गरीब को 10 किलो अनाज। 1 किलो दाल और आधा किलो चीनी देने की तत्काल व्यबस्था हो। जो मज़दूर अपने घरों को लौटना चाहते हैं उनको कठोर स्वास्थ्य व्यबस्था के तहत यात्रा की अनुमति दी जाय.
कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि प्रधानमंत्री ने एक महीने पहले इकनॉमिक टास्क फ़ोर्स को कार्य योजना देने को कहा था वह कार्य योजना कहाँ है। अर्थव्यबस्था को ठीक करने के लिये क्या कदम उठाये गये। 11 करोड़ लोगों को रोज़गार देने वाले लघु मध्यम और छोटे उद्योगों को जीवित रखने के लिये क्या किया गया ,पार्टी की राय है कि सरकार इनके लिये पैकेज़ घोषित करे। किसानों को ऋण दे ,उनकी फ़सल की व्यापक सरकारी खरीद हो।