लॉकडाउन: नकली वस्तुओं की जांच के लिए एपीडीआई ने सरकार से कहा- प्रावइवेट जासूसों को आवश्यक सेवाओं में करें शामिल
By एसके गुप्ता | Published: April 28, 2020 06:01 AM2020-04-28T06:01:26+5:302020-04-28T06:01:26+5:30
एपीडीआई भारत में प्रमुख जासूसी और निजी जांच एजेंसियों की सर्वोच्च संस्था है। संस्था के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नकली उत्पादों से निपटने में सरकारी एजेंसियों की सहायता करने के लिए एपीडीआई की ओर से मदद की पेशकश की थी।
लॉकडाउन के दौरान बाजार में नकली वस्तुओं की बाढ़ आ गई है। नामचीन ब्रांड अपनी नकल के सामान को लेकर काफी सचेत हैं। वह जांच के लिए निजी जासूसों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में निजी जासूस और जांचकर्ता निकाय एपीडीआई ने सरकार से आग्रह किया है कि लॉकडाउन में नकली उत्पादों की जांच के लिए उन्हें कोविड-19 आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में शामिल किया जाए। इससे कोरोना महामारी के दौरान भारतीय उद्योग और कॉर्पोरेट जगत की नकली सामान को लेकर चिंता कम होगी।
एपीडीआई के अध्यक्ष के विक्रम सिंह ने कहा कि लॉकडाउन ने आपूर्ति श्रृंखला की कमियों को उजागर किया है। स्वास्थ्य, खाद्य और किराना वस्तु, शराब, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि व्यसायी निजी जासूसी एजेंसियों की मदद से अपने नाम के नकली सामानों को बाजार में पहुंचने से पहले जब्त कराने में मदद ले रहे हैं। क्योंकि बाजार में संदिग्ध लोग नकली सामान और उत्पादों की आपूर्ति करके हेराफेरी कर रहे हैं।
एपीडीआई भारत में प्रमुख जासूसी और निजी जांच एजेंसियों की सर्वोच्च संस्था है। संस्था के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नकली उत्पादों से निपटने में सरकारी एजेंसियों की सहायता करने के लिए एपीडीआई की ओर से मदद की पेशकश की थी। क्योंकि नकली उत्पादों से भारतीय अर्थव्यवस्था को सालाना एक लाख करोड रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में नकली उत्पादों की जब्ती में भारी उछाल आया है। फिलहाल सरकार को नकली उत्पादों की बिक्री जांचने के लिए निजी जासूसों और जांच एजेंसियों की सेवाएं लेने के बारे में सोचने की जरूरत है। सरकार को हमें आवश्यक सेवाओं के तहत रखना चाहिए ताकि हम नकली और धोखाधड़ी के मामलों से निपटने में सरकार के साथ-साथ निजी खिलाड़ियों की भी मदद कर सकें।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद पूरे देश में 100 से अधिक प्रवर्तन क्रियाएं हुई हैं। नकली उत्पाद बनाने वाले अपराधियों पर लगातार कार्रवाई होने से राष्ट्र को नकली उत्पादों के कारण होने वाली हानि से बचाया जा सकेगा।