लॉकडाउन 3.0: दुकानदारों को और अधिक दुकानें खुलने की उम्मीद, भ्रम की स्थिति भी बरकरार
By भाषा | Updated: May 3, 2020 20:48 IST2020-05-03T20:48:35+5:302020-05-03T20:48:35+5:30
इसी तरह कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भी दावा किया कि वे ‘‘दुविधा’’ की स्थिति में रहेंगे क्योंकि खुदरा दुकानों को लेकर भ्रम की स्थिति है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
नयी दिल्ली: सरकार के लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ाने के लिए जारी नए दिशानिर्देशों के मद्देनजर खुदरा कारोबारियों और व्यापारियों को सोमवार से और अधिक दुकानें खुलने की उम्मीद है, लेकिन वे अभी भी स्थानीय अधिकारियों से इस बारे में स्पष्टता चाह रहे हैं। भारतीय खुदरा संघ (आरएआई) ने कहा है कि देखना होगा कि यह जमीन पर कैसे काम करता है क्योंकि भ्रम की स्थिति है और कई राज्यों को अभी भी केंद्र के फैसले का पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने हैं।
इसी तरह कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भी दावा किया कि वे ‘‘दुविधा’’ की स्थिति में रहेंगे क्योंकि खुदरा दुकानों को लेकर भ्रम की स्थिति है। दूसरी ओर फ्यूचर समूह और वी-मार्ट रिटेल जैसे संगठित रिटेलरों ने कहा है कि वे भी स्थानीय अधिकारियों से से अनुमति मांग रहे हैं।
आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘किसी भी दशा में प्रत्येक राज्य को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने होंगे। कुछ राज्यों ने दिशानिर्देश जारी किए हैं, लेकिन वे केंद्र की तरह ही हैं। मुझे लगता है कि राज्य भी भ्रमित हैं और वे वही चीज जारी कर रहे हैं, जो केंद्र भेज रहा है।’’ सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने भी कहा कि व्यापारी दुविधा में रहेंगे। यह पूछने पर कि क्या सोमवार से शुरू होने वाले लॉकडाउन के तीसरे चरण के साथ जमीन पर चीजों के बदलने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि ‘पड़ोस की दुकान’ और ‘एकल दुकान’किसे कहेंगे, इस पर भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि इस पर स्पष्टीकरण की जरूरत है।
अखिल भारतीय व्यापार मंडल संघ के महासचिव वी के बंसल ने कहा, ‘‘दिशानिर्देशों के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि इसका अनुपालन सभी राज्यों पर निर्भर है। राज्य अपनी नीतियां बनाते हैं और कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते। केंद्र छूट देना चाहता है, लेकिन राज्य प्रतिबंध चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में हालांकि रेड जोन में थोक बाजारों को खोलने की इजाजत नहीं है, लेकिन एकल दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन केंद्र के दिशानिर्देशों को लागू करने में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के नहीं होने से भी दुकानदारों को दिक्कत हो रही है। दिल्ली के बुराड़ी में बिजली की दुकान चलाने वाले रामचंद्र यादव ने कहा कि उसके जैसे लोगों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत श्रमिकों की है। यादव की दुकान में 12-13 लोग काम करते हैं, लेकिन वे सभी अलग-अलग स्थानों में काफी दूर रहते हैं और सार्वजनिक परिवहन नहीं होने के चलते दुकान नहीं आ सकते हैं। फरीदाबाद की निवासी और दिल्ली के सीआर पार्क में डिजाइनर बुटीक चलाने वाली रितिका खान ने कहा कि वह अपनी दुकान खोलना चाहती हैं, लेकिन उनके पास कर्फ्यू पास नहीं है और इसलिए दुकान नहीं खोल सकती हैं। फरीदाबाद और गुड़गांव ने अपनी सीमाएं सील कर दी हैं।
प्रमुख रिटेलर फ्यूचर समूह ने कहा कि नई अधिसूचना के बाद जहां अनुमति दी जाएगी, वहां कंपनी खुदरा बिक्री शुरू करेगी। फ्यूचर समूह के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बिग बाजार के अंदर हम अब न केवल भोजन और आवश्यक वस्तुएं बल्कि क्रॉकरी, बर्तन और अन्य वस्तुओं को भी बेच पाएंगे। यहां तक कि कुछ स्थानों पर बिग बाजार में हम भोजन के अलावा अन्य उत्पादों की बिक्री भी शुरू करेंगे।’’
फ्यूचर समूह जो बड़े बिग बाजार और पड़ोस के स्टोर ईजीडे जैसे कई प्रारूपों में काम करता है, ने कहा कि कंपनी ग्रीन जोन में अनुमति हासिल करने का प्रयास कर रहा है। वी-मार्ट रिटेल के अध्यक्ष और एमडी ललित अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारे 62 स्टोर ग्रीन जोन में हैं और 98 ऑरेंज जोन में हैं, जहां उम्मीद है कि स्टोर खुलेंगे। हम स्थानीय प्रशासन के साथ बातचीत कर रहे हैं।’’