कानूनी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर सावधान रहने की जरूरत, एक जज के तौर पर हमें ट्रेंड होना होगा- सीजेआई चंद्रचूड़
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 6, 2023 03:46 PM2023-05-06T15:46:39+5:302023-05-06T15:49:07+5:30
कानूनी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर सावधान रहने की जरूरत बताते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक जज के तौर पर हमें ट्रेंड होना होगा कि हर एक शब्द जो हम बोलते हैं, वह जनता के बीच चर्चा का विषय बनेगा।
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भुवनेश्वर में डिजिटाइजेशन पर भारतीय न्यायपालिका और राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए तटस्थ प्रशस्ति पत्र के उद्घाटन समारोह में कहा कि कानूनी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। डाटा सिक्योरिटी और डाटा प्राइवेसी को गंभीर मुद्दा बताते हुए सीजेआई ने कहा कि इसे सुरक्षित करने की जरूरत है और उन्होंने इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया है।
अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, हमने हाल ही में एक एलजीबीटीक्यू हैंडबुक लॉन्च की है। जल्द ही हम जेंडर के लिए अनुचित शब्दों की एक लीगल ग्लोसरी भी जारी करने जा रहे हैं। अगर आप 376 का एक फैसला पढ़ें तो आपको पता चलेगा कि कई ऐसे शब्द हैं जो अनुचित हैं लेकिन उनका इस्तेमाल होता है। लीगल ग्लोसरी से हमारी न्यायपालिका छोटी नहीं होगी और समय के साथ हम कानूनी भाषा को लेकर आगे बढ़ेंगे, क्योंकि हम भाषा को विषय वस्तु से ज्यादा महत्व देते हैं।
आजकल सर्वोच्च न्यायालय सहित उच्च न्यायालयों की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण होता है और अदालतों की कार्यवाही के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी होते हैं। इसका जिक्र करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से हम पेपरमुक्त कोर्ट बना रहे हैं और साथ ही वर्चुअल कोर्ट भी बना रहे हैं। आज अधिकतर हाईकोर्ट सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं, जिनकी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। एक क्लिप पटना हाईकोर्ट की है, जिसमें जज एक आईएएस अधिकारी से पूछ रहे हैं कि उन्होंने सही कपड़े क्यों नहीं पहने हैं। वहीं गुजरात हाईकोर्ट के जज एक वकील से पूछ रहे हैं कि आप अपने केस की तैयारी नहीं करके आई हैं। यूट्यूब पर भी कई मजाकिया चीजें हो रही हैं, जिन्हें नियंत्रित करने की जरूरत है। यह एक गंभीर मसला है लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग में इसका दूसरा पक्ष दिख रहा है। एक जज के तौर पर हमें ट्रेंड होना होगा कि हर एक शब्द जो हम बोलते हैं, वह जनता के बीच चर्चा का विषय बनेगा।"
VIDEO | "Live streaming that we are doing has a flip side. We, the judges, need to be trained because every word that we say is up in the public realm," says Chief Justice of India D Y Chandrachud, addressing the inauguration ceremony of Neutral Citation for the Indian Judiciary… pic.twitter.com/IpANDV6yMd
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2023
सीजेआई ने कहा कि हम डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल बनाने की प्रक्रिया में हैं, जब यह पूरा हो जाएगा तो हम एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर लेंगे।