कार्यकर्ता की सुनें, पूर्व सरकार के भ्रष्टाचार मामलों में कार्रवाई हो: पंजाब कांग्रेस के जनप्रतिनिधि

By भाषा | Updated: June 2, 2021 15:33 IST2021-06-02T15:33:57+5:302021-06-02T15:33:57+5:30

Listen to the worker, action should be taken in the corruption cases of the former government: Punjab Congress's public representatives | कार्यकर्ता की सुनें, पूर्व सरकार के भ्रष्टाचार मामलों में कार्रवाई हो: पंजाब कांग्रेस के जनप्रतिनिधि

कार्यकर्ता की सुनें, पूर्व सरकार के भ्रष्टाचार मामलों में कार्रवाई हो: पंजाब कांग्रेस के जनप्रतिनिधि

नयी दिल्ली, दो जून कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह को खत्म करने के मकसद से गठित हुई समिति के समक्ष पेश कई विधायकों और सांसदों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए जरूरी है कि पार्टी एकजुट हो तथा पार्टी एवं सरकार में कार्यकर्ताओं की सुनवाई हो।

सूत्रों के मुताबिक, कई विधायकों ने यह मांग पुरजोर ढंग से रखी कि शिरोमणि अकाली दल की सरकार के समय हुए ‘भ्रष्टाचार’ के मामलों में भी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाकर जीत हासिल की थी।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति के समक्ष सोमवार और मंगलवार को करीब 50 मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों ने अपनी बात रखी। बुधवार को भी 30 से अधिक विधायकों के समिति के समक्ष पहुंचकर अपने विचार रखने की उम्मीद है।

खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।

गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

समिति के समक्ष अपने विचार रखने वाले कुछ सांसदों एवं विधायकों से ‘पीटीआई-भाषा’ ने बातचीत की जिसमें ज्यादातर जनप्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा कलह पार्टी के हित में नहीं है और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एकजुट होना होगा।

पार्टी के एक सांसद ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘हमने समिति को स्पष्ट रूप से बताया कि कार्यकर्ताओं की सरकार एवं पार्टी के भीतर सुनवाई होनी चाहिए, किसी को अपमानित नहीं किया जाए और सभी मिलकर पार्टी एवं पंजाब के हित में काम करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकार में जो भ्रष्टाचार हुआ था, उसको लेकर भी कार्रवाई करना जरूरी है। अगर हम कार्रवाई करते हैं तो जनता में कांग्रेस और मौजूदा सरकार के प्रति विश्वास बढ़ेगा।’’

कांग्रेस के एक विधायक ने कहा कि मौजूदा समय में जो मतभेद दिख रहे हैं, वह पार्टी के लिए ठीक नहीं हैं।

गत सोमवार को समिति के समक्ष अपनी बात रखने वाले इस विधायक ने बताया, ‘‘हमसे यही पूछा गया था कि 2022 के चुनाव में जीत के लिए क्या किया जाना चाहिए? मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी के भीतर इस तरह के मतभेद नहीं होने चाहिए और कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिलनी चाहिए।’’

इस बीच, ऐसी चर्चा है कि सिद्धू को सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल करने और उनके साथ ही किसी हिंदू दलित को दूसरा उप मुख्यमंत्री बनाने के फार्मूले पर विचार चल रहा है।

सूत्रों की मानें, तो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान को अपने इस रुख से पहले ही अवगत करा चुके हैं कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सिख को देने से अच्छा संकेत नहीं जाएगा क्योंकि इस समाज से ही मुख्यमंत्री खुद हैं तथा हिंदू समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देना है।

ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद के जरिए कांग्रेस आलाकमान राजनीतिक समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण को साधने के लिए कदम उठा सकता है।

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Web Title: Listen to the worker, action should be taken in the corruption cases of the former government: Punjab Congress's public representatives

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