भारतीय सेना को मिले हर तरह के रास्तों पर चलने वाले लाइट स्पेशलिस्ट वाहन, चीन सीमा पर तैनात किया जाएगा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 11, 2023 13:33 IST2023-09-11T13:32:46+5:302023-09-11T13:33:52+5:30
सीमा के दूसरी तरफ चीन ने अपने इलाके में बड़ी संख्या में ऐसे वाहनों की तैनाती कर रखी है। ऐसे में भारतीय सेना के लिए बेहद जरूरी हो गया था कि वह भी अपनी तैयारियों को पुख्ता रखे।

भारतीय सेना को मिले नवीनतम लाइट स्पेशलिस्ट वाहन
जम्मू और कश्मीर: सीमा पर गश्ती के लिए भारतीय सेना को ऐसे वाहनों की जरूरत होती है जो हर तरह के रास्तों पर तेजी से चल सकें। खासकर चीन से लगती सीमा पर लद्दाख के पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में ऐसे वाहनों की जरूरत ज्यादा होती है। लद्दाख के उबड़ खाबड़ पथरीले रास्तों, रेतीली घाटियों और ऊंचाई के कारण बनी दुर्गम परिस्थितियों में सामान्य वाहन सही से काम नहीं करते इसिलिए सेना को विशेष वाहनों की जरूरत होती है।
इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना में हाल ही में शामिल किए गए नवीनतम लाइट स्पेशलिस्ट वाहन (एलएसवी) को नॉर्थ टेक संगोष्ठी में प्रदर्शित किया गया। एलएसवी को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल लॉन्चर, मीडियम मशीन गन और ग्रेनेड लॉन्चर से लैस किया जा सकता है। इसका उपयोग त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सैनिकों को अग्रिम क्षेत्रों में भेजने और अग्रिम सैनिकों को बारूद और राशन की आपूर्ति करने के लिए भी किया जा सकता है।
#WATCH | Jammu&Kashmir: New types of off-road and all-terrain vehicles acquired by the Indian Army for operations in rugged terrains in the Ladakh sector and near the Line of Control were showcased at the North Tech Symposium organised by the Northern Command of Indian Army.… pic.twitter.com/ltArZtxyau
— ANI (@ANI) September 11, 2023
भारतीय सेना द्वारा लद्दाख सेक्टर और नियंत्रण रेखा के पास ऊबड़-खाबड़ इलाकों में ऑपरेशन के लिए हासिल किए गए नए प्रकार के ऑफ-रोड और ऑल-टेरेन वाहनों को भारतीय सेना की उत्तरी कमान द्वारा आयोजित नॉर्थ टेक संगोष्ठी में प्रदर्शित किया गया। 11 सितंबर को शुरू हुई ये संगोष्ठी 3 दिनों तक चलेगी। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी शामिल होंगे।
र्थ टेक संगोष्ठी 2023 की आयोजन आईआईटी, जम्मू परिसर में किया जा रहा है। भारतीय सेना के उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इसके बारे में बताया कि इससे उपयुक्त स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों की पहचान करने का मार्ग प्रशस्त होगा। शो में 60 स्टार्टअप्स सहित लगभग 200 कंपनियां भाग ले रही हैं।
बता दें कि सेना ने हाल के दिनों में अपनी परिचालन गतिविधियों को तेजी से संपन्न करने के लिए कई आधुनिक वाहन अपने काफिले में जोड़े हैं। इसमें हर तरह के मौसम और रास्तों पर चलने में सक्षम विशेष वाहनों के लिए आधुनिक ट्रक भी शामिल हैं। भारतीय सेना ने अपने बेड़े को आधुनिक बनाने और अपनी परिवहन क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों के तहत टोयोटा हिलक्स के पहले बैच की डिलीवरी ले ली है। टोयोटा हिलक्स - माउंटेन ऑफ-रोड वाहन का चयन सेना ने सबसे खराब मौसम और उबड़-खाबड़ इलाकों में कठोर परीक्षण के बाद किया था।
सीमा के दूसरी तरफ चीन ने अपने इलाके में बड़ी संख्या में ऐसे वाहनों की तैनाती कर रखी है। ऐसे में भारतीय सेना के लिए बेहद जरूरी हो गया था कि वह भी अपनी तैयारियों को पुख्ता रखे। अब दुर्गम इलाकों में सेना की तेजी से पहुंच आसान हो जाएगी।