नई दिल्ली (14 फरवरी)। लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि जवानों की शहादत को धर्म और मजहब से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। जो लोग ऐसा बयान दे रहे हैं, वो लोग आर्मी को अच्छे से नहीं जानते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल का ये स्टेटमेंट एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के स्टेटमेंट का जवाब माना जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आर्मी पर हाल में हुए हमले आतंकियों की हताशा को दिखाता है। वो लोग सीमा पर कामयाब नहीं हो पा रहे हैं इसलिए वो सेना कैंपों को निशाना बना रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल देवराज आगे कहते हैं, हिजबुल मुजाहिद्ददीन, जैश-ए- मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर में एक्टिव है। जो भी देश के खिलाफ होने वाली गतिविधियों में शमिल होगा या हथियार उठायागा वो आतंकी है, और उसे उसकी भाषा में जवाब मिलेगा। कश्मीर के युवा भी आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं। हम साल 2017 से इन सबसे निपटने का काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया घाटी में आतंकी वारदातों को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
बता दें कि हाल ही में हुए सुंजवान हमले में 7 जवान शहीद हुए थे। जिसके बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि "हर दिन देश के मुसलमानों पर राष्ट्रवादी न होने के आरोप लगाते रहते हैं। उन्हें पाकिस्तानी कहा जाता है। कश्मीरियों पर इल्जाम लगाए जाते हैं। अब जब सुंजवान अटैक में 7 में से 5 शहीद कश्मीरी मुसलमान हैं, तो उन लोगों को सबक लेना चाहिए और देश के मुसलमानों की देशभक्ति पर शक करना छोड़ देना चाहिए।"