शिवसेना के बाद बीजेपी सहयोगी जेडीयू भी केजरीवाल के समर्थन में, दिया ये बयान
By पल्लवी कुमारी | Published: June 18, 2018 11:09 AM2018-06-18T11:09:06+5:302018-06-18T11:09:06+5:30
पिछले छह दिनों से एलजी अनिल बैजल से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजनिवास में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल धरने पर बैठे हैं।
पटना, 18 जून: पिछले छह दिनों से एलजी अनिल बैजल से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजनिवास में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के कई नेता बैठे हैं। अरविंद केजरीवाल को बीजेपी विरोधी शिवसेना के बाद जेडी(यू) का भी समर्थन मिलता दिख रहा है।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा ने ट्वीट कर के कहा है, सीएस के साथ दुर्व्यवहार के बाद, जब सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस बात का आश्वासन दिया था कि दोबार ऐसा नहीं होगा तो आईएएस अधिकारियों को अब फौरन अपने काम पर लौट जाना चाहिए। उन्हें दिल्ली वासियों के लिए ऐसा करना होगा। गौरतलब है कि मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट का मामला अदालत के संज्ञान में है, जांच और सुनवाई चल रही है।
वहीं एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा है, जो अधिकारी निर्वाचित सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं शायद उन्हें तत्काल राजनीतिक तौर पर कुछ फायदा मिल जाए लेकिन ये हमारे लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
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इधर शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सरकार, सरकार होती है चाहे वह किसी भी पार्टी की हो। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक चुनी हुई सरकार को पूरा अधिकार होना चाहिए, नहीं तो लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
गौरतलब है कि आप पार्टी को इससे पहले शिवसेना, टीएमसी, डीएमके, जेडीएस ने अपना समर्थन दिया है। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश, आप का का साथ जताने के लिए उनके आवास पहुंचे थे। उन्होंने शनिवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि दिल्ली में इस संकट को लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे।
अरविंद केजरीवाल अपनाी तीन मांगों के साथ लेफ्टिनेंट गर्वनर अनिल बैजल के घर के वोटिंग रूम में धरना दे रहे हैं। उनके साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय भी धरना पर बैठे हुए हैं। दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने, चार महीने से हड़ताल कर रहे आईएसएस ऑफिसरों की हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने, कामकाज रोक रखने के लिए उनपर कार्रवाई की मांग के साथ उनकी कुछ और मांगें भी हैं।
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