"स्थानीय स्तर पर उच्च न्यायालयों को कोविड-19 के मुद्दों से निपटने दिया जाए"

By भाषा | Published: April 22, 2021 09:18 PM2021-04-22T21:18:02+5:302021-04-22T21:18:02+5:30

"Let the high courts at the local level deal with the issues of Kovid-19" | "स्थानीय स्तर पर उच्च न्यायालयों को कोविड-19 के मुद्दों से निपटने दिया जाए"

"स्थानीय स्तर पर उच्च न्यायालयों को कोविड-19 के मुद्दों से निपटने दिया जाए"

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल वकीलों की एक संस्था ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर आग्रह किया कि कोविड-19 से जुड़े मुद्दों से स्थानीय स्तर पर विभिन्न उच्च न्यायालयों को निपटने दिया जाए और कहा कि वे ‘‘स्थिति से निपटने में बेहतर प्रतीत होते हैं।’’ उच्चतम न्यायालय ने देश में महामारी की गंभीर स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया है।

इससे पहले प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने महामारी की स्थिति का संज्ञान लिया और शुक्रवार के लिए केंद्र को नोटिस जारी कर वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सहित अन्य मुद्दों को लेकर ‘‘राष्ट्रीय योजना’’ पर जवाब मांगा।

शीर्ष अदालत ने इस बात के भी संकेत दिए कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तरीके और महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने के उच्च न्यायालयों की न्यायिक शक्ति से जुड़े पहलुओं पर भी गौर करेगा।

उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने अपने अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह के मार्फत याचिका दायर कर स्वत: संज्ञान वाले मामले में पक्षकार बनाए जाने का आग्रह किया है और कहा है कि वर्तमान स्थिति में उच्च न्यायालय स्थानीय मुद्दों से निपटने में बेहतर सक्षम हैं।

याचिका में कहा गया है, ‘‘राज्यों की राजधानियों में स्थित उच्च न्यायालय स्थानीय प्रशासन से रिपोर्ट मांगने और दिक्कतों को दूर करने के लिए तुरंत निर्देश या आदेश देने की स्थिति में ज्यादा सटीक बैठते हैं। राज्य मशीनरी में विभिन्न पहलुओं पर खामियां हैं और उच्च न्यायालय स्थानीय स्तर पर स्थिति से निपटने में उपयुक्त हैं।’’

बहरहाल, शीर्ष अदालत ने कहा कि संक्रमित लोगों के उपचार से जुड़ी सामग्रियों के अंतरराज्यीय नि:शुल्क एवं त्वरित आवागमन के साथ ही महामारी के दौरान आम आदमी की मूल जरूरतों को पूरा करने तथा लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों के घर लौटने के मुद्दों पर ‘‘केंद्रीकृत विचार’’ की जरूरत है, जिस पर शीर्ष न्यायालय गौर कर सकता है।

पीठ में न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट भी शामिल थे, जो मामले में शुक्रवार को भी सुनवाई करेंगे।

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Web Title: "Let the high courts at the local level deal with the issues of Kovid-19"

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