जन कल्याण के लिये विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका बेहतर समन्वय से काम करें : ओम बिरला

By भाषा | Published: November 25, 2021 03:11 PM2021-11-25T15:11:36+5:302021-11-25T15:11:36+5:30

Legislature, executive, judiciary should work in better coordination for public welfare: Om Birla | जन कल्याण के लिये विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका बेहतर समन्वय से काम करें : ओम बिरला

जन कल्याण के लिये विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका बेहतर समन्वय से काम करें : ओम बिरला

नयी दिल्ली, 25 नवंबर संवैधानिक लोकतंत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका को अपनी-अपनी सीमाओं में रहकर बेहतर ढंग से और समन्वय के साथ काम करना चाहिए ताकि देश की जनता और समाज का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके ।

उन्होंने कहा कि छात्रों एवं युवाओं को कानून बनाने की प्रक्रिया के दौरान सरकार एवं जन प्रतिनिधियों को सुझाव एवं राय देनी चाहिए ।

संसद के केंद्रीय कक्ष में "संविधान में निहित शक्तियों का पृथक्करण" विषय पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत का संविधान हमारे लिये एक ऐसा मार्गदर्शक ग्रंथ है जो पिछले सात दशकों की यात्रा में सामाजिक, आर्थिक विकास सहित सभी कार्यो में राह दिखा रहा है तथा लोकतंत्र को मजबूती प्रदान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान ऐसा अद्भुत मिश्रण है जहां संसदीय प्रणाली को चलाने के लिये विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसी संस्थाओं को अलग-अलग कार्य एवं अधिकार दिये हैं ।

बिरला ने कहा कि विधायिका देश के लोगों की चिंताओं का ध्यान रखती है और उसके अनुरूप कानून बनाती है । कार्यपालिका सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू करने का काम करती है तथा न्यायपालिका कानूनों की व्याख्या एवं न्याय देने का काम करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में इन तीनों अंगों को अपनी-अपनी सीमाओं में रहकर किस तरीके से काम करना है, इसका ध्यान देना होगा। इन तीनों अंगों में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हो और ये आपस में मिलकर समन्वय के साथ ऐसी कार्य योजना बनाए जिससे समाज एवं जनता का अधिकतम कल्याण सुनिश्चित हो । ’’

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति युवाओं की अधिक जिम्मेदारी है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ लम्बे समय तक हमने अधिकारों की बात की । आज समाज के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। ’’

बिरला ने कहा कि देश में पिछले 75 वर्षो में कई अच्छे कानून बने हैं और इन कानूनों के माध्यम से लोगों को अधिकार दिये गए हैं, उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयाय हुआ है ।

उन्होंने कहा कि जो भी कानून सरकार ने बनाये हैं, वे जनता के कल्याण के लिये बने हैं, समाज के अंतिम छोर तक के लोगों की भलाई के लिये बने हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम में मौजूद विधि संकाय के छात्रों से कहा कि कानून बनाने की प्रक्रिया के दौरान जब इसका मसौदा विचारार्थ रखा जाता है तब युवाओं एवं छात्रों के इसके बारे में अपनी राय देनी चाहिए तथा जन प्रतिनिधियों को सुझाव देना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि इससे बेहतर कानून बनाने में मदद मिलेगी ।

बिरला ने कहा कि आने वाले दिनों में देश के सभी विधानमंडलों के कार्यो, चर्चाओं, अच्छी परिपाटी, बेहतर नवोन्मेष आदि को एक प्लेटफार्म पर लाया जायेगा और इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि संसद के कामकाज को कागजरहित बनाने की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है।

बिरला ने कहा कि वर्ष 2018 में जहां संसद में 60 प्रतिशत कामकाज आनलाइन माध्यम से होता था, वह अब करीब 95 प्रतिशत हो गया है।

उन्होंने कहा कि आजादी से पहले से लेकर अभी तक की विभिन्न चर्चाओं एवं रिकार्ड के डिजिटलीकरण का काम किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजीजू ने भी संबोधित किया । इसमें सांसद पी पी चौधरी, सुशील कुमार मोदी तथा भारतीय संस्कृति संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सह्रस्त्रबुद्धे भी मौजूद थे।

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Web Title: Legislature, executive, judiciary should work in better coordination for public welfare: Om Birla

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