विधानसभाः मराठा आरक्षण मुद्दे पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच छिड़ा वाकयुद्ध
By भाषा | Updated: March 10, 2021 20:54 IST2021-03-10T20:54:46+5:302021-03-10T20:54:46+5:30

विधानसभाः मराठा आरक्षण मुद्दे पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच छिड़ा वाकयुद्ध
मुम्बई, 10 मार्च उच्चतम न्यायालय में लंबित मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बुधवार को महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण एवं भाजपा नेता देवेंद्र फड़णवीस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया और दोनों ने एक दूसरे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
पहले, मराठा आरक्षण मुद्दे पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति के अगुवा चव्हाण ने विधानसभा में एक बयान दिया और सदस्यों को सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) अधिनियम पर शीर्ष अदालत में चल रहे मामले के बारे में बताया। इस अधिनियम में मराठाओं को आरक्षण की गांरटी दी गयी है।
इस पर विधानसभा में विपक्ष के नेता फड़णवीस ने चव्हाण पर सच नहीं बोलने और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं चव्हाण के विरूद्ध विशेषाधिकार उल्लंघन का नोटिस दूंगा। मंत्री को यह भी ज्ञात नहीं है कि 102 वे संविधान संशोधन से पहले एसईबीसी अधिनियम 2018 में मेरी सरकार द्वारा पारित किया गया।’’
लेकिन चव्हाण ने यह कहते हुए प्रतिवाद किया कि 2018 एसईबीसी अधिनियम पूर्णत: नया कानून है न कि एक संशोधन।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने आठ मार्च की सुनवाई के बारे में कोई गलत सूचना नहीं दी है।
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