कानूनी पेशा मुनाफा कमाने के लिए नहीं, समाज सेवा के लिए है : प्रधान न्यायाधीश

By भाषा | Updated: November 9, 2021 23:21 IST2021-11-09T23:21:16+5:302021-11-09T23:21:16+5:30

Legal profession is for social service, not for profit making: Chief Justice | कानूनी पेशा मुनाफा कमाने के लिए नहीं, समाज सेवा के लिए है : प्रधान न्यायाधीश

कानूनी पेशा मुनाफा कमाने के लिए नहीं, समाज सेवा के लिए है : प्रधान न्यायाधीश

नोएडा, नौ नवंबर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम "लीगल सर्विस डे" में कहा कि कानूनी पेशा मुनाफा कमाने के लिए नहीं बल्कि समाज सेवा के लिए है। ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति रमण ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “पीछे मत देखो, आगे देखो। अनंत उत्साह, अनंत साहस और अनंत धैर्य से ही बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। 1995 में आज ही के दिन कानूनी सहायता की अवधारणा को संस्थागत रूप दिया गया था। वास्तविक कानूनी सहायता का क्षण हमारी स्वतंत्रता से बहुत पहले शुरू हुआ था।”

उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय कानून मंत्री किरण रीजीजू के कानूनी सेवा प्राधिकरणों की प्रगति के प्रति व्यक्तिगत झुकाव को देखकर बहुत खुश हैं। साथ ही कहा कि भारत सरकार ने समय पर न्यायाधीशों की नियुक्ति की है जिससे लोगों के लिए न्याय सुलभ हुआ है।

इस अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्री रीजीजू ने न्यायाधीशों के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर की जा रही आपत्तिजनक टिप्पणियों पर चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में मौजूद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि जनपद न्यायालयों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हर जिले में घर-घर वैन भेज कर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

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Web Title: Legal profession is for social service, not for profit making: Chief Justice

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