नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। कोरोना के बढ़ते खतरे, अनलॉक-2 और चीन के साथ सीमा विवाद के बीच पीएम मोदी ने आज 16 मिनट तक अपनी बात रखी है। पीएम मोदी ने आज कोरोना महामारी को लेकर ही मुख्य तौर पर देश को संबोधित किया है।
बात दें कि देश में कोरोना के कहर के बीच ये छठा मौका है, जब प्रधानमंत्री मोदी देश से मुखातिब हुए। पीएम मोदी कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौर में लोगों का हौसला बढ़ाते रहे हैं।
आइये जानते हैं पीएम नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन से जुड़ी 10 बड़ी बातें-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया है।
- इस दौरान 80 करोड़ गरीब लोगों को महीने में 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। साथ ही एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले 5 महीने गरीबों को राशन देने में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे। अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये हो जाता है।
- पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है यानि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड।
- पीएम मोदी ने कहा कि एक देश एक राशन कार्ड का सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर के कहीं और जाते हैं।
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मौसम बदल रहा है, ऐसे में अपने सेहत की ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि अनलॉक-1 होने के बाद से ही हम सबों के बीच लापरवाही बढ़ती जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग नियमों की पालन नहीं कर रहे उसे रोकना और टोकना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने आस-पास के लापरवाह लोगों को समझाएं।
- नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में हमारी स्थिति लंबे समय तक लॉकडाउन की वजह से बेहतर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे समाजिक जीवन व व्यक्तिगत जीवन में पहले की तरह सतर्कता नहीं रही है।
- गांव का प्रधान हो या देश के पीएम देश के नियम से बढ़कर कोई नहीं है।
- आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है, अपना दायित्व निभाया है इसलिए आज देश का गरीब संकट से मुकाबला कर पा रहा है। मैं हर किसान और करदाता को धन्यवाद देता हूं।
- बीते तीन महीनों में जनधन खातों में 31 हजार करोड़ रुपये जमा करवाए गए। 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपये जमा हुए हैं।