नयी दिल्ली, 13 जनवरी कुछ वकीलों ने बुधवार को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को पत्र लिखकर अदालत में प्रत्यक्ष सुनवाई को बहाल करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि प्रभावी तरीके से न्याय प्रदान करने में डिजिटल तरीके से सुनवाई की व्यवस्था पूरी तरह खरा नहीं उतर पायी है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के सदस्यों द्वारा भेजे एक पत्र में वकीलों ने कहा है कि इस महामारी के कारण पिछले 10 महीनों से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
डिजिटल तरीके से सुनवाई में फायदा के बजाए ज्यादा अड़चनों का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया, ‘‘प्रभावी तरीके से न्याय प्रदान करने में डिजिटल तरीके से सुनवाई की व्यवस्था पूरी तरह खरा नहीं उतर पायी है।’’
पत्र में कहा गया है, ‘‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि कई न्यायाधीश भी इस प्रणाली के संबंध में परेशानी जाहिर कर चुके हैं।’’
पत्र में कहा गया कि एससीबीए के सदस्य खुद को बेबस पा रहे हैं क्योंकि अपनी चिंताएं जताने के लिए न्यायाधीशों तक उनकी पहुंच नहीं है, जैसा कि पहले होता था।
सदस्यों ने कहा है, ‘‘आप इस तथ्य से अवगत हैं कि इस अदालत में वकालत करने वाले अधिकतर सदस्य अलग-अलग राज्यों के हैं और यहां किराये पर रहते हैं लेकिन महामारी की स्थिति और अदालत की ऑनलाइन प्रणाली के कारण उनमें से कई सदस्यों को दिल्ली से जाना पड़ गया और वे वकालत भी नहीं कर पा रहे।’’
पत्र में नेटवर्क की दिक्कतें, डिजिटल तरीके से सुनवाई के संबंध में रजिस्ट्री द्वारा उचित प्रबंध नहीं किए जाने, बिना कोई कारण बताए जरूरी मामलों को सूचीबद्ध किए जाने से खारिज करने समेत कई अन्य मुद्दे भी बताए गए हैं।
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