नई दिल्ली, 20 फरवरी: सुप्रीम कोर्ट में पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले के खिलाफ वकील विनीत धांडे ने जनहित याचिका दायर किया है। इस जनहित याचिका पर शुक्रवार (23 फरवरी) को सुनवाई होगी। सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.एम. खानविलकर और न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सहमति दे दी है।
जनहित याचिका दायर करने वाले वकील विनीत धांडे ने कहा है- 'मैंं चाहता हूं कि घोटाले में शमिल सारे बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा फैसला लिया जाए। पैसों की हेरा-फेरी करने के लिए उन सबको आरोपियों के खिलाफ 3 साल की सजा न होकर उम्र कैद हो।'
विनीत ने अदालत से सरकार को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में कदम उठाने का निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में 10 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की रकम ऋण के तौर पर देने को लेकर दिशानिर्देश तय करने की भी मांग की गई है। साथ ही फंसे हुए कर्ज के मामलों की जांच और उसकी वसूली के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर एक समिति गठित करने की भी मांग की है।
आपको बता दें कि पीएनबी ने 11300 करोड़ रुपए के इस घोटाले को लेकर सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई। मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी एवं उनसे जुड़ी हुई कंपनियों को आरोपी बनाया गया है।
जनवरी 2018 में ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर जा चुके हैं। उनदोनों के करीबी रिश्तेदार भी देश छोड़ चुके हैं। सीबीआई और ईडी ने इस जालसाजी के मामले में अलग-अलग शिकायत दर्ज की है। ईडी ने नीरव मोदी से जुड़े 40 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ईडी ने नीरव मोदी से जुड़ी 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है।
पंजाब नेशनल बैंक ने 16 कर्मचारियों को इस जालसाजी में शामिल होने के आरोप में निलंबित किया है। निलंबति बैंक कर्मचारियों में जनरल मैनेजर स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। सीबीआई ने पीएनबी के छह कर्मचारियों को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने गिरफ्तार बैंक कर्मियों से रविवार और सोमवार को पूछताछ की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ बैंक कर्मियों ने पैसे के बदले नीरव मोदी की मदद करने की बात कबूल की है।