झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर, न्यायाधीश की हत्या की जांच एसआईटी करेगी : उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: July 29, 2021 16:59 IST2021-07-29T16:59:19+5:302021-07-29T16:59:19+5:30

Law and order situation worsens in Jharkhand, SIT to probe judge's murder: High Court | झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर, न्यायाधीश की हत्या की जांच एसआईटी करेगी : उच्च न्यायालय

झारखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर, न्यायाधीश की हत्या की जांच एसआईटी करेगी : उच्च न्यायालय

रांची, 29 जुलाई झारखंड उच्च न्यायालय ने धनबाद में बुधवार को तड़के ऑटो से टक्कर मारकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की कथित तौर पर की गयी हत्या पर क्षोभ व्यक्त करते हुए इसे राज्य की कानून- व्यवस्था की विफलता बताया। साथ ही न्यायालय ने न्यायाधीश की मौत की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया और कहा है कि जांच की निगरानी उच्च न्यायालय करेगा।

झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को धनबाद के अष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और उनकी संदिग्ध मौत पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया।

न्यायालय ने इस घटना को राज्य की कानून- व्यवस्था की विफलता बताते हुए कहा, ‘‘राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गयी है।’’

न्यायालय ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) संजय लाटकर के नेतृत्व में विशेष जांच गठित करने और मामले की तेजी से जांच कराने का राज्य सरकार को आदेश दिया।

न्यायालय ने टिप्पणी की, ‘‘राज्य में कानून- व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है, कुछ दिनों पहले पुलिसकर्मी रूपा तिर्की, फिर एक वकील और अब न्यायाधीश पर हमला किया गया।’’

न्यायालय ने चेतावनी भरे स्वर में कहा, ‘‘यदि किसी भी समय पीठ को ऐसा प्रतीत हुआ कि जांच सही दिशा में नहीं है तो इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी।’’

न्यायालय के निर्देश पर आज मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा एवं धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ऑनलाइन उपस्थित थे।

इससे पूर्व सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने न्यायालय को आश्वस्त किया कि वह पेशेवर तरीके से मामले की जांच सुनिश्चित करेंगे और उन्होंने एसआईटी का नेतृत्व करने के लिए राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय लाटकर का नाम सुझाया, जिस पर न्यायालय ने अपनी सहमति प्रदान कर दी।

न्यायालय इस बात से भी काफी नाराज था कि घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने देरी की है। न्यायालय ने यहां तक कहा, ‘‘पहले राज्य नक्सलियों के लिए जाना जाता था लेकिन उस दौरान भी किसी न्यायिक अधिकारी पर हमला नहीं हुआ था।’’

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस घटना के बाद उन्हें देश के विभिन्न कोनों से इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वयं उच्चतम न्यायालय ने मुद्दे पर मुझसे बातचीत की है इसलिए मुझे भरोसा है कि इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी।’’

पीठ ने धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पत्र पर संज्ञान लेते हुए याचिका में बदलाव भी करने के निर्देश दिये।

सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह भी दिल्ली से ऑनलाइन उपस्थित हुए और उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को आज उन्होंने भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के सामने उठाया है। वह इस मामले में उच्च न्यायालय की भी पूरी तरह से मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना न्यायिक व्यवस्था पर हमले की तरह है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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Web Title: Law and order situation worsens in Jharkhand, SIT to probe judge's murder: High Court

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