रामविलास पासवान की पहली बरसीः चिराग के साथ खड़े नजर आएं पशुपति पारस, सभी दलों के नेताओं ने अर्पित किए श्रद्धासुमन

By एस पी सिन्हा | Published: September 12, 2021 09:27 PM2021-09-12T21:27:27+5:302021-09-12T21:28:35+5:30

रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में विद्रोह कर पार्टी को दो-फाड़ करने वाले उनके भाई पशुपति कुमार पारस भी चिराग पासवान के साथ खडे़ नजर आये.

late Ram Vilas Paswan first death anniversary chirag paswan Pashupati Kumar Paras pays tribute | रामविलास पासवान की पहली बरसीः चिराग के साथ खड़े नजर आएं पशुपति पारस, सभी दलों के नेताओं ने अर्पित किए श्रद्धासुमन

पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद चिराग पासवान ने श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे तमाम लोगों को धन्यवाद दिया.

Highlightsपहली बार है कि पूरा परिवार एक साथ एक ही जगह जुटा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी. रामविलास पासवान की पहली बरसी पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था.

 

 

पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी के अवसर पर आज पटना में आयोजित कार्यक्रम में दलीय सीमाओं को दरकिनार कर लोग इसमें पहुंचे. सभी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया.

वहीं, रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में विद्रोह कर पार्टी को दो-फाड़ करने वाले उनके भाई पशुपति कुमार पारस भी चिराग पासवान के साथ खडे़ नजर आये. स्वर्गीय पासवान की पहली बरसी पर आयोजित श्रद्धाजलि कार्यक्रम में लंबे समय बाद पूरा पासवान परिवार एक साथ नजर आया. उनके निधन के बाद यह पहली बार है कि पूरा परिवार एक साथ एक ही जगह जुटा.

कार्यक्रम भले ही रामविलास पासवान के लिए आयोजित की गई, लेकिन यह चिराग और पशुपति के लिए बड़ी चुनौती थी कि जिस परिवार को रामविलास पासवान जीवित रहते साथ लेकर चलने में सफल रहे, उस परिवार को एक बार फिर से जोड़ें. अब चिराग इसमें कितने सफल हुए, यह भविष्य तय करेगा. लेकिन आज पूरे परिवार को एक साथ देखना रामविलास पासवान के समर्थकों के लिए बेहद सुकुन वाला पल बन गया. इस दौरान पशुपति पारस भी बेहद भावुक नजर आए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी. 

चिराग पासवान ने पटना के श्रीकृष्‍णपुरी स्थित आवास पर पिता रामविलास पासवान की पहली बरसी पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था. वहीं, पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद चिराग पासवान ने श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे तमाम लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि स्व. रामविलास पासवान की बरसी के मौके पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों का पहुंचना यह दर्शाता है कि वह अपने नेता को कितना मानते हैं. यह लगों का प्यार ही है कि आज अपने नेता की बरसी के मौके पर इतना बडा जनसैलाब उमडा है.

उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक श्रद्धांजलि संदेश के लिए उनका आभार प्रकट किया. उन्होंने मांग की है कि उनके पिता को राज्य की तरफ से सम्मान मिलना चाहिए. चिराग ने कहा कि हमारे नेता (रामविलास पासवान) का 50 साल का सक्रिय राजनीति में बेदाग योगदान रहा. राज्य की तरफ से उन्हें सम्मान मिलना चाहिए. मैं चाहता हूं कि राष्ट्रीय शोक की घोषणा हो. मैं चाहता हूं कि उनकी एक प्रतिमा भी राज्य में लगाई जाए ताकि आने वाली पीढ़ी उनके मार्गदर्शन ले.

चिराग पासवान ने कहा कि यह गैर राजनीतिक कार्यक्रम है, इसलिए उन्‍होंने रामविलास पासवान के साथ काम करने वाले तथा उनके संपर्क में रहे सभी नेताओं को बुलाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को भी बुलाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, लेकिन उन्‍होंने रामविलास पासवान को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

प्रधानमंत्री ने पासवान को महान सपूत, सामाजिक न्याय का मसीहा तथा बिहार का गौरव बताया है. श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उनके लिए बहुत भावुक दिन है. वे आज रामविलास पासवान को न केवल अपने आत्मीय मित्र के रूप में याद कर रहे हैं, बल्कि उनके निधन से भारतीय राजनीति में पैदा हुए शून्य को भी अनुभव कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में रामविलास पासवान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्‍होंने जो भी जिम्मेदारी संभाली, उस क्षेत्र को सकारात्मक दिशा देने का काम किया. इससे पहले रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय खाद्य-प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने उनके लिए भारत रत्न और पटना में राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की थी.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि हाजीपुर में रामविलास जी की आदमकद प्रतिमा लगे और 1, व्हीलर रोड स्थित कार्यालय को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए. वहीं, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के विकास और राष्ट्रीय राजनीति में जो बड़ी भूमिका निभायी, उसे देखते हुए पटना में उनकी प्रतिमा लगनी चाहिए. उन्होंने दलितों को आगे बढाने के लिए लगातार संघर्ष किया, लेकिन कभी नफरत की राजनीति नहीं की. उनकी जयंती पर राजकीय समारोह होना चाहिए. रामविलास पासवान एनडीए राजनीति के प्रमुख शिल्पी थे.

Web Title: late Ram Vilas Paswan first death anniversary chirag paswan Pashupati Kumar Paras pays tribute

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