नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में बोलते हुए केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केरल सरकार को 23 जुलाई को वायनाड में संभावित भूस्खलन के बारे में प्रारंभिक चेतावनी दी गई थी।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि भारत सरकार द्वारा केरल सरकार को 23 जुलाई और फिर 24 और 25 जुलाई को प्रारंभिक चेतावनी दी गई थी। 26 जुलाई को सूचना मिली थी कि 20 सेमी से अधिक बारिश होगी। भूस्खलन के कारण कीचड़ भी बन सकता है और लोग इसके नीचे दबकर मर सकते हैं, ऐसी संभावना है।
बता दें कि केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं, जिससे मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है।
भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया। वायनाड जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार देर रात जारी आंकड़ों के अनुसार, नीलमबुर और मेप्पडी से करीब 30 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वायनाड जिले में भूस्खलन से हुई तबाही के बाद लोगों से आग्रह किया कि जिस तरह वे 2018 में आई बाढ़ के बाद बर्बाद जिंदगियों को फिर से बनाने के लिए एकजुट हुए थे ठीक उसी तरह दोबारा से एकजुट हो जाएं।
विजयन ने कहा हालांकि कई लोग मदद की पेशकश कर रहे हैं लेकिन प्रभावित क्षेत्रों व जीवन को पुनर्स्थापित करने के लिए और अधिक मदद की आवश्यकता है। उन्होंने सभी से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में योगदान देने का आग्रह किया। विजयन ने कहा कि पहला भूस्खलन देर रात करीब दो बजे हुआ और उसके बाद तड़के साढ़े चार बजे अगला भूस्खलन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप वायनाड के मुंडकाई, चूरलमाला और अट्टामाला क्षेत्रों में बच्चे सहित गांववाले मलबे में फंस गए। उन्होंने कहा कि भूस्खलन उस समय हुआ, जब ग्रामीण सो रहे थे। मुख्यमंत्री ने शाम को यहां संवाददाताओं से कहा कि देर रात हुई घटना के परिणामस्वरूप कई लोग बह गए या मलबे में फंस गए और सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं।
(पीटीआई इनपुट के साथ)