पटनाः रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में आज लालू-राबड़ी और मीसा भारती को दिल्ली की कोर्ट से निजी मुचलका पर जमानत दे दिये जाने के बाद राजद में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। राजद के तरफ से बिहार में चल रहे विधानमंडल बजट सत्र के दौरान लड्डू बांटा जाना शुरू कर दिया गया।
इसी दौरान सदन की कार्यवाही का विरोध कर रही विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायकों को भी लड्डू दिया गया। जिसको लेकर विधानसभा के बाहर जमकर बवाल हुआ। दरअसल, विधायक के निलंबन को लेकर विधायक सदन के बाहर धरना दे रहे थे। इसी दौरान शेखपुरा से राजद के विधायक विजय सम्राट भाजपा विधायकों के पास मिठाई बांटने पहुंचे थे।
भाजपा विधायकों का आरोप है कि हमने मिठाई लेने से मना किया तो उन्होंने हमारे ऊपर डिब्बा फेंक दिया। इसी दौरान भाजपा विधायक अरुण सिन्हा से कहासुनी हो गई। इसके बाद भी इनलोगों को जबर्दस्ती लड्डू खिलाया गया। जिसके बाद इसका विरोध भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के तरफ से किया जाना शुरू कर दिया गया।
इतना ही नहीं विधायक अरुण कुमार सिन्हा का कुर्ता भी फाड़ दिया गया। नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राजद के विधायक मनोज यादव लड्डू चलाकर फेंकने लगे। विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि यह लड्डू जहरीला था। हम लोग इसकी जांच कराएंगे। विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा जबर्दस्ती मुझे लड्डू खिलाया जा रहा था।
राजद के विधायक सदन के अंदर गुंडागर्दी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लालू ने जैसी करनी की है, वैसा फल भोग रहे हैं। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई के पास पर्याप्त सबूत हैं और प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरुरत नहीं होती है। सीबीआई के पास इतने साक्ष्य मौजूद हैं जो लालू को जेल पहुंचाने के लिए काफी हैं।
लालू प्रसाद और उनके परिवार के पास 141 प्लॉट, 30 बिल्डिंग और 6 बड़े घर कहां से आए? इसका हिसाब उन्हें देना चाहिए। लालू ने रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दिया और उसके बदले जमीन और फ्लैट ली, उसी मकान में तेजस्वी यादव रहते हैं। प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। बचौल ने कहा कि लालू और उनका परिवार इस मामले में बुरी तरह से घिर चुका है।
देश की संपत्ति को जिसने लुटने का काम किया है उसे वह संपत्ति लौटानी पड़ेगी। तेजस्वी यादव के यह कहने पर कि ईडी को ठेंगा मिला है, इसपर उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद अगर दोषी नहीं थे तो अबतक पांच केस में सजा कैसे मिल चुकी है, उसके बाद भी लोग इसे ठेंगा बता रहे हैं।