Land For Job Scam: पूर्व रेल मंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव पर चलेगा केस?, रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में गृह मंत्रालय ने दे अनुमति
By एस पी सिन्हा | Published: September 20, 2024 04:00 PM2024-09-20T16:00:45+5:302024-09-20T16:01:45+5:30
Land For Job Scam: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने कथित ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाले’ से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने को लेकर संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित मंजूरी प्राप्त कर ली है।
Land For Job Scam: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में पूर्व रेल मंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गृह मंत्रालय ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट को इस बारे में जानकारी दी है। इससे पहले बीते बुधवार को नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार सहित कई अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। दरअसल, सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि 30 से ज़्यादा आरोपी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी का इंतज़ार है। सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई से अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए बिहार के लोगों को रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी में दिलाने के नाम पर जमीन लिखवाने का आरोप लगा।
इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है। लालू यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलू की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के पास है। ईडी ने बीते 6 अगस्त को इस केस में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इनमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है।
सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत को बताया कि मामले में करीब 30 अन्य आरोपी हैं जिनके लिए अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है और उसने अदालत से अनुरोध किया कि अपेक्षित दस्तावेज हासिल करने के लिए उसे 15 दिन का और समय दिया जाए। अदालत ने सीबीआई को अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को तय की। अधिकारियों के अनुसार, यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। ये नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थी।
इन नियुक्तियों के बदले में अभ्यर्थियों द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन उपहार में दी गई या हस्तांतरित की गई। एजेंसी ने 18 मई, 2022 को प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात लोक सेवकों और कुछ अन्य व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।