लोकतंत्र में इतिहास रचने की ओर लालू, बन सकता है देश का पहला मूक-बधिर सरपंच

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 9, 2020 11:52 AM2020-02-09T11:52:53+5:302020-02-09T11:52:53+5:30

पुरोहित ने बताया कि सरपंच बनने के बारे में सोचकर उत्साहित लालू खासकर किसानों के हित में काम करना चाहता है। इसके साथ ही, अपने गांव में नयी सड़कें बनवाकर विकास में योगदान करना चाहता है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "अगर आगामी पंचायत चुनावों में लालू डांसरी का सरपंच बनता है, तो वह इस पद पर निर्वाचित होने वाला देश का पहला मूक-बधिर उम्मीदवार होगा।

Lalu to create history in democracy, can become country's first silent-deaf sarpanch | लोकतंत्र में इतिहास रचने की ओर लालू, बन सकता है देश का पहला मूक-बधिर सरपंच

पंचायत चुनाव

Highlightsपुरोहित ने बताया कि सरपंच बनने के बारे में सोचकर उत्साहित लालू खासकर किसानों के हित में काम करना चाहता है।वह पिछले 20 साल से डांसरी के एक परिवार के साथ रहकर खेती-बाड़ी कर रहा है।

मध्यप्रदेश के इंदौर से एक अच्छी खबर आ रही है। इसे लोकतंत्र की खूबसूरती कह लीजिये या नसीब का एकाएक चमक उठना कि आगामी ग्राम पंचायत चुनावों में जिले के 27 वर्षीय मूक-बधिर युवक का देश का पहला मूक-बधिर सरपंच बनना लगभग तय माना जा रहा है। अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) प्रतुल सिन्हा ने "पीटीआई-भाषा" को बताया कि इंदौर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर डांसरी गांव को कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है।

करीब 1,000 लोगों की आबादी वाले इस गांव की नवगठित पंचायत के आगामी चुनावों के लिये सरपंच का पद चक्रानुक्रम (रोटेशन) पद्धति के मुताबिक लॉट निकालकर अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के उम्मीदवार के लिये आरक्षित किया गया है।

बहरहाल, इस आरक्षण से डांसरी गांव के मूक-बधिर युवक लालू (27) की किस्मत अचानक खुल गयी है। वैसे राज्य में ग्राम पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन डांसरी के निवासियों का कहना है कि जल्द संभावित चुनावों में लालू का निर्विरोध सरपंच निर्वाचित होना लगभग तय है क्योंकि इस गांव में वह एसटी वर्ग का इकलौता मतदाता है। वह चुनावी मैदान में उतरने का मन भी बना चुका है। अब तक अविवाहित लालू के माता-पिता उसके बचपन में ही गुजर गए थे।

वह पिछले 20 साल से डांसरी के एक परिवार के साथ रहकर खेती-बाड़ी कर रहा है। मूक-बधिर समुदाय के अधिकारों के लिये सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने इशारों की जुबान में लालू से हुई बातचीत के हवाले से बताया, "खुद पर भरोसे से लबरेज लालू का कहना है कि वह आगामी पंचायत चुनावों में सरपंच पद के लिये निश्चित तौर पर पर्चा दाखिल करेगा।"

पुरोहित ने बताया कि सरपंच बनने के बारे में सोचकर उत्साहित लालू खासकर किसानों के हित में काम करना चाहता है। इसके साथ ही, अपने गांव में नयी सड़कें बनवाकर विकास में योगदान करना चाहता है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "अगर आगामी पंचायत चुनावों में लालू डांसरी का सरपंच बनता है, तो वह इस पद पर निर्वाचित होने वाला देश का पहला मूक-बधिर उम्मीदवार होगा। उसकी चुनावी जीत से लोकतंत्र में मूक-बधिर समुदाय की आवाज बुलंद होगी।" लालू को नयी-नवेली डांसरी ग्राम पंचायत का सरपंच बनाने के लिये गांव में अभियान भी चलाया जा रहा है।

इस मुहिम से जुड़े युवा राहुल सोनगरा ने कहा, "हम चाहते हैं कि लालू हमारे गांव का सरपंच बने। वह भले ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। लेकिन उसके स्वभाव को देखते हुए हमें पूरा भरोसा है कि वह सरपंच के रूप में गांव का भला करेगा।" 

 

English summary :
Lalu to create history in democracy, becomes country's first dumb-deaf sarpanch


Web Title: Lalu to create history in democracy, can become country's first silent-deaf sarpanch

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