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चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सजा बढ़ाने की याचिका को सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश

By एस पी सिन्हा | Updated: April 13, 2023 16:23 IST

इस मामले में न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद व न्यायाधीश सुभाष चंद की खंडपीठ ने इस मामले को सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। 

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ठळक मुद्देगुरुवार को झारखंड HC में चारा घोटाले मामले में लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई हुईदो जजों की हाईकोर्ट बेंच ने इस मामले को सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को चारा घोटाले मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद व न्यायाधीश सुभाष चंद की खंडपीठ ने इस मामले को सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। 

दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई और लालू के अधिवक्ता से पूछा था कि जब इस मामले में लालू की अपील एकल पीठ में सुनवाई के लिए लंबित है तो क्या खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है? आज सुनवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट ने इसे दूसरी अदालत में भेजने का निर्देश दे दिया। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव और आरके राणा सहित अन्य की सजा बढ़ाने को लेकर याचिका दाखिल की थी। 

बता दें कि आरके राणा पूर्व आईएएस अधिकारी फूल सिंह सहित अन्य लोगों के निधन होने पर कोर्ट ने उन लोगों के मामले को अलग करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद उनका नाम उक्त याचिका से हटा दिया गया है। 

सीबीआई की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि चारा घोटाला मामले में लालू उच्च स्तरीय षड्यंत्र में शामिल थे, ऐसे में उन्हें सिर्फ 3.5 साल की सजा देना उचित नहीं है। जबकि एक राजनैतिक व्यक्ति जगदीश शर्मा को अदालत में अधिकतम 7 साल की सजा सुनाई है। ऐसे में लालू प्रसाद सहित अन्य को भी 7 साल की सजा दी जानी चाहिए। 

वहीं, लालू प्रसाद यादव की ओर से अधिवक्ता देवर्षी मंडल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। इसके बाद कोर्ट ने मामले को सक्षम बेंच में भेजने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले को बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्‍टाचार घोटाला करार दिया गया था। 

बात 1996 की है, जब राज्‍य के पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। चारा घोटाले में 3 मामले हैं। स्‍पेशल सीबीआइ कोर्ट ने धोखाधड़ी करते हुए देवघर कोषागार से बड़े पैमाने पर निकासी से संबंधित मामले (आरसी64ए ) में बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था। 

इसके अलावा उन्‍हें डोरंडा ट्रेजरी केस मामले में भी दोषी ठहराया गया है। मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है। यह निकासी 1990-95 के बीच की गई थी।

टॅग्स :लालू प्रसाद यादवबिहारआरजेडी
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