राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बेहतर इलाज के लिए नई दिल्ली के एम्स भेजने की तैयारी की जा रही है. लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डॉ. डीके झा ने बताया कि लालू प्रसाद यादव को बेहतर चिकित्सा के लिए नई दिल्ली के एम्स भेजा जाएगा. इसके लिए प्रक्रिया की जा रही है.
तबीयत पहले के जैसी ही है. चूंकि रिम्स में उनका इलाज करीब डेढ़ साल से चल रहा है. डॉ डीके झा ने बताया कि इनकी जो बीमारी है, ऐसा कुछ स्पेसिफिक नहीं है, जो इन्हें सर्जरी या ऑपरेशन करने की जरूरत पड़े.
रिम्स के एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा कि 15 तरह की गंभीर बीमारियों से पीड़ित लालू प्रसाद यादव की समस्या ऐसी नहीं है कि उसकी सर्जरी करनी पड़े. दवाई से ही उनका इलाज होगा. रिम्स में उनका इलाज चल रहा है. उनकी तबीयत पहले जैसी ही है. इसलिए सेकेंड ओपिनियन लेने में कोई हर्ज नहीं है. इसी कारण उन्हें एम्स भेजने की तैयारी चल रही है.
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस प्रक्रिया में 15 दिन से एक महीना लगे. लेकिन जो प्रक्रिया है, उसी के तहत सभी काम किए जाएंगे. इसके लिए सैद्धांतिक सहमति हुई है कि उन्हें एम्स भेजा जाना चाहिए. लालू प्रसाद यादव 15 गंभीर बीमारियों के शिकार हैं. उनका ब्लड शूगर बढ़ता रहता है. लालू प्रसाद यादव की किडनी थर्ड स्टेज में है. लालू प्रसाद यादव इन दिनों रिम्स के पेइंग वार्ड में हैं और डॉ डीके झा उनका इलाज कर रहे हैं.
यहां उल्लेखनीय है कि चारा घोटाला के कई मामलों में सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव रांची के होटवार जेल में अपनी सजा काट रहे हैं. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में गंभीर रूप से बीमार पड़ने की वजह से उन्हें नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) भेजा गया था. बाद में जमानत मिलने पर लालू प्रसाद यादव ने मुंबई में भी इलाज कराया था. डेढ़ साल से वह रिम्स में भर्ती हैं और अपनी सजा काट रहे हैं.उधर, लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए पेईंग वार्ड के बाहर बिहार के बाढ में छोटा लालू के नाम से पहचाने जाने वाले कृष्णा यादव धरने पर बैठे गये. वे धरने पर बैठकर लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने की जिद पर अड़े रहे. उनका कहना है कि जब तक उसे उसके भगवान से मिलने नहीं दिया जाएगा, तब तक वह धरना से नहीं हटेगा.
वार्ड में लालू की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा उसे हटाने की कोशिश की जाती रही, लेकिन इसके बावजूद वह धरने पर बैठा रहा. कृष्णा यादव की आवाज लालू प्रसाद से मिलती-जुलती है. कृष्णा यादव उनकी ही शैली में बात करते हैं. खबर लिखे जाने तक उसे लालू प्रसाद यादव से मिलने की अनुमति नही मिल सकी थी.