"असम में सीएए के तहत लाखों लोग आवेदन करेंगे, वो एनआरसी की लिस्ट से बाहर होंगे", हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2024 09:47 AM2024-03-19T09:47:57+5:302024-03-19T09:53:24+5:30

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि राज्य में सीएए के तहत लगभग तीन-पांच लाख लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे।

"Lakhs of people will apply under CAA in Assam, we will keep them out of the NRC list", said Himanta Biswa Sarma | "असम में सीएए के तहत लाखों लोग आवेदन करेंगे, वो एनआरसी की लिस्ट से बाहर होंगे", हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsअसम में सीएए के तहत लगभग तीन-पांच लाख लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगेहिमंता बिस्वा सरमा ने दावा करते हुए कहा कि एनआरसी लिस्ट से बारह वाले ही आवेदन करेंगे7 लाख मुसलमानों और 5 लाख हिंदू-बंगालियों को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया है

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि राज्य में सीएए के तहत लगभग तीन-पांच लाख लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे। उन्होंने कहा कि आवेदकों में केवल वे लोग शामिल होंगे, जिन्हें राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से बाहर रखा गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि 7 लाख मुसलमानों और 5 लाख हिंदू-बंगालियों को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया है। सीएम सरमा ने कहा, “कई हिंदू-बंगाली अलग-अलग समय पर आए थे और शरणार्थी शिविरों में रुके थे। जब उन्होंने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन किया तो उन्होंने ऐसे शिविरों में रहने के प्रमाण के रूप में एक स्टाम्प पेपर जमा किया।"

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “लेकिन पूर्व एनआरसी राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने पेपर स्वीकार नहीं किया है। जिसके कारण कई हिंदू-बंगालियों के नाम अभी तक एनआरसी की सूची में शामिल नहीं किया गया है।”

उन्होंने कहा कि एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले 5 लाख हिंदू-बंगालियों में से कई नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत आवेदन जमा करेंगे, जबकि कई अन्य ऐसे भी हैं, जो इसके लिए कानून का सहारा लेंगे।

सीएम सरमा ने दावा किया कि एनआरसी से बाहर किए गए आवेदकों में 2 लाख उपनाम दास, समुदाय 'कोच-राजबोंगशी' और 1.5 लाख गोरखा जैसे 'उचित असमिया' भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “सीएए के तहत आवेदन तीन-पांच लाख होंगे, जिसमें लगभग 10 फीसदी त्रुटि की संभावना होगी। असम में कोई 15 -20 लाख या 1.5 करोड़ आवेदक नहीं होंगे। इतने लंबे समय तक राजनीति में रहने के बाद राज्य पर मेरी पकड़ काफी मजबूत हो गई है।''

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित हुआ था। जिसके कारण राज्य के 3.4 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख को बाहर कर दिया गया था।

केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 लागू किया था, जिसमें 31 दिसंबर 2014 के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आने वाले बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता प्रदान करने के लिए संसद द्वारा कानून पारित किए जाने के चार साल बाद नियमों को अधिसूचित किया गया था।

Web Title: "Lakhs of people will apply under CAA in Assam, we will keep them out of the NRC list", said Himanta Biswa Sarma

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