लखीमपुर खीरी (उप्र), पांच अक्टूबर तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सांसदों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी का दौरा किया और रविवार को हिंसा के दौरान मारे गये किसानों के शोक संतप्त परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया।
प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार, सुष्मिता देव, अबीर रंजन बिस्वास, प्रतिमा मंडल और डोला सेन शामिल थीं। दस्तीदार और देव हिंसा में मारे गए लवप्रीत सिंह (19) के परिवार के सदस्यों से जिले की पलिया तहसील मिलने गए, जबकि अन्य नेता हिंसा में मारे गए नछत्तर सिंह के रिश्तेदारों से मिलने लखीमपुर की धौरहरा तहसील गए। लवप्रीत और नछत्तर का अंतिम संस्कार दिन में उनके पैतृक स्थानों पर किया गया।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने एक बयान में यह दावा किया है कि रास्ते में उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें भी रोकने की कोशिश की।
डोला सेन ने कहा, "हम रविवार से लखीमपुर-खीरी पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और हम दो दिन बाद यहां पहुंच सके हैं।"
सांसद प्रतिमा मंडल ने कहा, "हमने राज्य में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों के रूप में अपनी पहचान बताई।" हाल में कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुईं राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने कहा, "लखीमपुर खीरी में कुचले गए युवा किसान के परिवार से मिलकर दिल बहुत दुखी हुआ। (तृणमूल) पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी काले कानूनों को रद्द करने और क्रूर अन्याय को रोकने के लिए किसानों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने सिंगूर में लड़ाई लड़ी और भारत के किसानों के लिए लड़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया।"
लोकसभा सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, "आरोपी एक नेता का बेटा है। उसने किसी की हत्या की है और उसे दंडित किया जाना चाहिए। भारत एक लोकतांत्रिक देश है लेकिन लोकतंत्र पिछले कुछ वर्षों से गायब है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक निरंकुश सरकार की तरह शासन कर रही है। वे आरोपी को छोड़कर सभी को सलाखों के पीछे डाल रहे हैं और जिसे चाहते हैं उसे मार रहे हैं।'' दस्तीदार ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में हैं, लेकिन वह लखीमपुर-खीरी क्यों नहीं गए।
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