लखीमपुर खीरी हिंसा: न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को संरक्षण प्रदान करने का दिया निर्देश

By भाषा | Updated: October 26, 2021 13:24 IST2021-10-26T13:24:49+5:302021-10-26T13:24:49+5:30

Lakhimpur Kheri violence: Court directs Uttar Pradesh government to provide protection to witnesses | लखीमपुर खीरी हिंसा: न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को संरक्षण प्रदान करने का दिया निर्देश

लखीमपुर खीरी हिंसा: न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को गवाहों को संरक्षण प्रदान करने का दिया निर्देश

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाहों को संरक्षण प्रदान करने का मंगलवार को निर्देश दिया। इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मामले के अन्य गवाहों के बयान भी दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज करने का भी निर्देश दिया।

इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और गरिमा प्रसाद ने पीठ के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष रखा।

पीठ ने कहा, ‘‘ हम संबंधित जिला न्यायाधीश को सीआरपीसी की धारा 164 के तहत साक्ष्य दर्ज करने का कार्य निकटतम न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपने का निर्देश देते हैं।’’

सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) की धारा 164 के तहत बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए जाते हैं और वे बयान मान्य होते हैं।

पीठ ने साल्वे से कहा कि वह ‘इलेक्ट्रॉनिक’ साक्ष्य की रिपोर्ट तैयार करने के संबंध में उसकी चिंताओं से ‘फॉरेंसिक’ प्रयोगशालाओं को अवगत कराएं। साथ ही, राज्य सरकार को पत्रकार की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले से जुड़ी दो शिकायतों के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने को निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘ राज्य को इन मामलों में अलग-अलग जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।’’

न्यायालय ने इस मामले में अब आठ नवंबर को आगे सुनवाई करेगा।

पीठ ने सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा मामले में पेश किए गवाहों की संख्या पर भी सवाल उठाए और कहा, ‘‘ मामला यह है कि हजारों किसान रैली निकाल रहे थे और केवल 23 ही चश्मदीद हैं?’’

साल्वे ने कहा कि 68 गवाहों में से 30 के बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए जा चुके हैं और अन्य कुछ के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ 30 गवाहों में से 23 ने ही चश्मदीद होने का दावा किया है। अधिकतर गवाह बरामदगी से जुड़े औपचारिक गवाह हैं।’’

उन्होंने कहा कि कई डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं और विशेषज्ञ उनकी जांच कर रहे हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 20 अक्टूबर को कहा था कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच एक ‘‘अंतहीन कहानी’’ नहीं होनी चाहिए। साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि न्यायालय को ऐसा लग रहा है कि राज्य पुलिस धीमी गति से काम कर रही है। गवाहों को संरक्षण प्रदान करने का निर्देश भी दिया था।

शीर्ष अदालत तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में सुनवाई कर रही है, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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Web Title: Lakhimpur Kheri violence: Court directs Uttar Pradesh government to provide protection to witnesses

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