लखनऊ, 17 मईः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रयाग कुंभ मेला 2019 की तैयारियों को लेकर 'एक्शन' में आ गई है। सरकार विश्व विख्यात और अमूर्त विश्व धरोहर में शामिल कुंभ मेले को अंतरराष्ट्रीय पटल पर दिव्य स्वरूप देने की तैयारियों में जुटी है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार इस विराट आयोजन को और आकर्षक बनाने में कोई कोर कसर नहीं बाकी रखना चाह रही है।
एक ओर जहां योगी सरकार के बजट में कुंभ के लिए अलग से भारी भरकम धनराशि का प्रावधान किया गया, वहीं प्रदेश सरकार के साथ साथ केन्द्र की मोदी सरकार भी कुंभ की भव्यता को दुनिया भर पहुंचाने की तैयारी कर रही है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बातचीत में कहा, 'राज्य सरकार ने कुम्भ मेला-2019 के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये जाने वाले निर्माण कार्यों हेतु दूसरी किश्त के रूप में दो दिन पूर्व ही 1457.76 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत करने का फैसला किया है।'
उन्होंने बताया कि इस राशि से सड़कों को चौड़ा किया जाएगा और ड्रेन एवं इंटरलाकिंग बिजली कार्य कराये जाएंगे।कुंभ को भव्य स्वरूप देने के लिए प्रदेश सरकार के साथ ही रेलवे और केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय भी जोर शोर से जुट गये हैं। इलाहाबाद में रेल मंत्रालय कुल 2,300 करोड़ रूपये की योजनाओं पर कार्य कर रहा है। केन्द्रीय सड़क मंत्रालय भी 2,000 करोड़ रूपये लागत से इलाहाबाद आने वाले मार्गों को दुरुस्त कर रहा है। प्रदेश सरकार ने बजटीय व्यवस्था सहित 2000 करोड रूपये से अधिक व्यय का ऐलान पहले ही कर दिया है।
राजस्व सचिव एवं राहत आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कुंभ मेले के दौरान किसी आपात स्थिति में बचाव उपकरणों की व्यवस्था के लिए राज्य आपदा कोष से 34 करोड 35 लाख रूपये मंजूर किये हैं। ये उपकरण जल पुलिस, फायर सर्विस, वायरलेस, रेडियो संचार, यातायात व्यवस्था के उपयोग के लिए खरीदे जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि कुंभ मेले के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 684 करोड़ रुपये की 151 परियोजनाओं का शिलान्यास कर चुके हैं। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी का प्रवाह अविरल बनाए रखना और गंगा को प्रदूषण मुक्त करना है। यूनेस्को ने कुंभ को दुनिया की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दी है।
मुख्यमंत्री योगी ने कुंभ मेले में देश दुनिया से आने वाले लोगों को शानदार आतिथ्य प्रदान करने की साधु संतों से अपील करते हुए कहा है, 'यहां जितने अखाड़े हैं, आश्रम हैं, मठ मंदिर हैं, उनसे मेरा आह्वान है कि देश दुनिया से आने वाले लोगों को ठहराने की व्यवस्था चाहे पेइंग गेस्ट के तौर पर ही क्यूं न हो, कर सकें तो यह एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा। यह सेवा और सत्कार का एक नया उदाहरण हो सकता है।'
योगी कुंभ मेले की एक समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कह चुके हैं कि मेले का आयोजन सरकार की साख का प्रश्न है इसलिए इसके रास्ते में किसी वित्तीय संकट को नहीं आने दिया जाएगा।