कुमारस्वामी ने भाजपा-जेडीएस गठबंधन से नाराज पार्टी के मुस्लिम नेताओं पर कहा, "पार्टी में उनका क्या योगदान है, उन्होंने हमें क्या दिया है?"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 24, 2023 04:11 PM2023-09-24T16:11:38+5:302023-09-24T19:21:40+5:30
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कर्नाटक में तय किये गये भाजपा-जेडीएस गठबंधन को लेकर पार्टी में खासा बवाल मचा हुआ है।
बेगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कर्नाटक में तय हुए भाजपा-जेडीएस गठबंधन को लेकर पार्टी में खासा बवाल मचा हुआ है।
खबरों के मुताबिक जेडीएस-भाजपा गठबंधन को लेकर पूर्व पीएम की पार्टी में कई नेता सहज नहीं हैं। इसी घटनाक्रम में जेडीएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सैयद शैफुल्ला ने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा भाजपा के साथ खेमेबंदी करने के फैसले को गलत फैसला बताते जेडीएस छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
इस बीच मामले में जेडीएस प्रमुख देवेगौड़ा के बेटे और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पार्टी के साथ भाजपा के हुए गठबंधन को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित में फैसला लिया है और उन्हें दुख है कि उनके इस फैसले से जेडीएस के कई मुस्लिम नेता सहमत नहीं है।
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने पार्टी के मुस्लिम नेताओं के प्रति निराशा के साथ गुस्सा भी व्यक्त किया और उन पर पार्टी के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने गठबंधन के फैसले से नाराज पार्टी के मुस्लिम नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा, "मैं इन नेताओं से पूछना चाहता हूं कि पार्टी में उनका क्या योगदान है? वे केवल गठबंधन से बाहर निकलने का कारण बता रहे हैं। देवेगौड़ा जी ने मुस्लिम समुदाय को 4 फीसदी आरक्षण दिया जिसका ये नेता प्रतिनिधित्व करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "कर्नाटक में जब भी उनके खिलाफ घटनाएं हुईं और आज सत्ता में बैठी कांग्रेस चुप रही, मैं ही था, जो उनके साथ खड़ा रहा। उसके बदले में उन्होंने हमें क्या दिया? यदि मैं मजबूत नहीं बनूंगा तो मैं उनके हितों की रक्षा कैसे करूंगा? उनके समुदाय की रक्षा करने के बावजूद मुझे उनसे कोई समर्थन नहीं मिला।"
मालूम हो कि जेडीएस-भाजपा गठबंधन से नाराज जेडीएस के वरिष्ठ नेता शफीउल्ला ने पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद शफीउल्ला ने कहा, "जेडीएस एनडीए के साथ गठबंधन करके एक ऐसे गुट में शामिल हो गई है जो समुदायों और जातियों के बीच दरार पैदा करती है। मैं पिछले 30 वर्षों से जेडीएस के साथ था। हमारी पार्टी में धर्मनिरपेक्ष साख पर कायम है और हमने अपने मतदाताओं और और आम जनता के बीच हमेशा उन सिद्धांतों का प्रचार किया है।"
जेडीएस नेता शफीउल्ला ने कहा, "अब अगर मेरी पार्टी एक ऐसी पार्टी से हाथ मिला रही है, जो समुदायों और जाति के बीच दरार पैदा करती है। जो धर्म के आधार पर चुनावी प्रचार करती है और सांप्रदायिक एजेंडे पर काम करती है, तो धर्मनिरपेक्ष नेता होने के नाते हम इसका विरोध करते हैं।"
इतना ही नहीं कर्नाटक में भाजपा शासन के दौरान घटी घटनाओं का परोक्ष हवाला देते हुए शैफुल्ला ने कहा, "जिस तरह से हमने कर्नाटक में भाजपा का शासन देखा है, उस तरह से हमारे देश की प्रगति नहीं होगी। धर्मनिरपेक्ष ताकतें बीजेपी से सहमत नहीं होने वाली हैं क्य़ोंकि ये लोगों के बीच दरार पैदा करती है।"