पंचतत्व में विलीन हुए कुलदीप नैयर, पूर्व PM मनमोहन सिंह समेत कई नेता रहे मौजूद

By भाषा | Updated: August 23, 2018 19:55 IST2018-08-23T19:55:16+5:302018-08-23T19:55:16+5:30

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए आज कहा कि पूर्व राजनयिक ने अपने दशकों लंबे सार्वजनिक जीवन में कई भूमिकाएं निभाईं।

Kuldip Nayar merged in Panchatantra, former PM Manmohan Singh and many leaders presented at his funeral | पंचतत्व में विलीन हुए कुलदीप नैयर, पूर्व PM मनमोहन सिंह समेत कई नेता रहे मौजूद

पंचतत्व में विलीन हुए कुलदीप नैयर, पूर्व PM मनमोहन सिंह समेत कई नेता रहे मौजूद

नई दिल्ली, 23 अगस्त: वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का गुरुवार को उनके दोस्तों, परिवार के सदस्यों, प्रशंसकों, कई हस्तियों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया।

नैयर ने कल रात करीब साढ़े बारह बजे यहां एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। वह 95 वर्ष के थे।

यहां लोधी रोड श्मशान घाट पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, फोटोग्राफर रघु राय, चित्रकार जतीन दास और कई पत्रकारों एवं पूर्व सहयोगियों की उपस्थिति में उनकी आज अंत्येष्टि हुई।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए आज कहा कि पूर्व राजनयिक ने अपने दशकों लंबे सार्वजनिक जीवन में कई भूमिकाएं निभाईं।

दिवंगत पत्रकार की पत्नी भारती को लिखे गए पत्र में सिंह ने कहा कि नैयर ने कई हैसियत और पूरे समर्पण से देश की सेवा की।

अपने शोक पत्र में सिंह ने कहा, ‘‘मुझे आपके प्रिय पति कुलदीप नैयर के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने काफी समर्पण के साथ विभिन्न हैसियत से देश की सेवा की। वह दिग्गज पत्रकार, राजनयिक, सांसद और लेखक थे। उन्होंने अपने दशकों लंबे सार्वजनिक जीवन में कई भूमिकाएं निभाईं।

द स्टेट्समैन में 60 और 70 के दशक में उनके साथ काम कर चुके रघु राय ने उनके देहावसान को ‘एक युग का समापन’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘वह उन संपादकों में अंतिम संपादक थे जो अपने पेशे में सच्चाई, ईमानदारी, कटिबद्धता के लिए अडिग रहे। आखिर दिनों तक वह ईमानदारी और देश के प्रति निष्ठा के लिए अटल थे, वह अपने देश से बहुत प्यार करते थे।’’

नैयर का जन्म पाकिस्तान के सियालकोट में 1923 में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत उर्दू अखबार से की थी। वह इंडियन एक्सप्रेस और द स्टेट्समैन समेत कई अखबारों के संपादक रहे।

आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

वह 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रहे और 1997 में उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया।

देश में लगे आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।

नैयर ने भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण संबंधों को भी सामान्य करने की लगातार कोशिश की। 

उन्होंने अमृतसर के निकट अटारी-बाघा सीमा पर कार्यकर्ताओं के उस दल का नेतृत्व किया था, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर वहां मोमबत्तियां जलाई थी।

Web Title: Kuldip Nayar merged in Panchatantra, former PM Manmohan Singh and many leaders presented at his funeral

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