कुलभूषण जाधव मामला: आखिर क्यों विदेश मंत्रालय को एक बार फिर दोहराना पड़ा अपना बयान, जानें क्या है मामला
By कोमल बड़ोदेकर | Published: February 3, 2018 08:57 PM2018-02-03T20:57:59+5:302018-02-03T21:14:22+5:30
विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक और सुरक्षा मुद्दों के पत्रकार प्रवीण स्वामी की एक अखबार में छपी रिपोर्ट के बाद आई है।
कथित जासूसी के मामले में पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा है कि, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के रिटायर अधिकारी है। वह बिजनेस के सिलसिले में ईरान गए थे। पाकिस्तान ने गलत मंशा से उनका ईरान से अपहरण कर लिया। अब यह मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चल रहा है। विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक और सुरक्षा मुद्दों के पत्रकार प्रवीण स्वामी की एक अखबार में छपी रिपोर्ट के बाद आई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि, पाकिस्तान ने कुलभूषण के मामले में तथ्यों से काफी छेड़छाड़ की है। उनकी रिपोर्ट एक मन गढ़ंत झूठी कहानी दर्शाती है। पाकिस्तान द्वारा रिलीज किया गए कुलभूषण के वीडियो में काफी कांट-छांट की गई थी। यह पाकिस्तान की मंशा और उसकी विश्वसनियता पर सवाल खड़े करता है।
Facts on K Jadhav remain what we released in our previous statements. He's a retired Indian Naval Officer, who was engaged in business in Iran, kidnapped in Iran & produced in Pak. We're fighting his case at ICJ: MEA on Praveen Swami's report in Frontline on Kulbhushan Jadhav
— ANI (@ANI) February 3, 2018
Report riddled with factual inaccuracies & presents a concocted & mischievous false story. It relies on tutored videos released by Pak & furthers its propaganda. It places question mark on its credibility & purpose: MEA on Praveen Swami's report in Frontline on Kulbhushan Jadhav pic.twitter.com/thkn6EMWIR
— ANI (@ANI) February 3, 2018
फ्रंटलाइन में छपे पत्रकार प्रवीण स्वामी ने अपने लेख में कहा है कि, भारत की गुप्त कार्रवाई के अपने विस्तार कार्यक्रमों और उनके दीर्घकालिक परिणामों को 'कुलभूषण मामला' गंभीरता से दर्शाता है।
बता दें कि पाकिस्तान ने अपने खोखले दावे में कहा है कि, उसके सुरक्षाबलों ने जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को पिछले साल तीन मार्च को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। जाधव कथित रूप से ईरान से बलूचिस्तान में घुस गये थे। जबकि भारत हमेशा से ही इस बात पर जोर देता रहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद जाधव अपने कारोबार के संबंध में ईरान गये थे।