जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ देश, मंदिरों में 'बाल-गोपाल' के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी

By भाषा | Published: September 3, 2018 07:52 PM2018-09-03T19:52:33+5:302018-09-03T19:52:33+5:30

सोमवार की रात्रि में भगवान के जन्म के अवसर 12.00 बजे से 12.10 बजे तक प्रकट्योत्सव, 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा। तत्पश्चात 12.40 से 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती और फिर रात 1.30 बजे तक दर्शन होंगे।

Krishna Janmashtami celebrations in various parts of country, News updates in Hindi | जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ देश, मंदिरों में 'बाल-गोपाल' के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी

जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ देश, मंदिरों में 'बाल-गोपाल' के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी

नई दिल्ली, तीन सितम्बरः भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाये जाने वाला पर्व जन्माष्टमी सोमवार को मथुरा , वृंदावन और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भगवान कृष्ण के इस पावन पर्व पर सोमवार को राजधानी में इंद्रदेव भी जमकर बरसे और मौसम खुशनुमा हो गया। इस पर्व पर बड़ी संख्या में लोग मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे है। दिल्ली में भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों लक्ष्मी नारायण मंदिर, इस्कान मंदिर,कृष्ण प्रणामी मंदिर, हरे कृष्ण मंदिरों में विशेष रूप से सजावट की गई है।

बारिश होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग सुबह मंदिरों में आये। कई लोगों ने इस पर्व पर उपवास रखा हुआ है। इस अवसर पर देशभर के मंदिरों में विशेष सजावट की गई है। भगवान कृष्ण की जन्म स्थली मथुरा में जन्माष्टमी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है और इस अवसर पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मथुरा वृंदावन आये है।

देश के विभिन्न हिस्सों से आये श्रद्धालुओं का यहां तांता लगा हुआ है। लोग मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के बांकेबिहारी, राधावल्लभ लाल, शाहबिहारी, राधारमण, अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, 21वीं सदी में बनाए गए स्नेह बिहारी व प्रेम मंदिर, बरसाना के लाड़िली जी, नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर, गोकुल के नन्दभवन आदि की ओर पैदल ही जा रहे हैं। हर तरफ कान्हा के जन्म को लेकर उल्लास छाया हुआ है।


श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुरक्षा के खासे प्रबंध किए गए हैं। मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की ओर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले हर चौराहे- रास्ते को बड़ी ही शिद्दत से सजाया गया है। सोमवार की रात्रि में भगवान के जन्म के अवसर 12.00 बजे से 12.10 बजे तक प्रकट्योत्सव, 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा। तत्पश्चात 12.40 से 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती और फिर रात 1.30 बजे तक दर्शन होंगे।

जयपुर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में कृष्ण जन्माष्टमी पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। उदयपुर के नाथद्वारा और राजधानी के प्रमुख आराध्य देव गोविंद देव जी के मंदिर को इस अवसर के लिए विशेष रूप से सजाया गया है। गुलाबी नगर के गोविंददेवजी मंदिर में सुबह मंगला की झांकी में ही बड़ी संख्या में श्रृद्वालु शामिल हुए। मंदिर प्रशासन ने दर्शन के लिये विशेष प्रबंध किये है।

मंदिर प्रशासन के अनुसार, मध्य रात्रि कान्हा के जन्म पर दूध, दही, घी, बूरा और शहद के साथ पंचामृत से जन्माभिषेक होगा और उसके बाद जन्म आरती की जाएगी। वहीं जन्माष्टमी के अवसर पर शहर के अन्य मंदिरों-लक्ष्मी-नारायणजी बाईजी मंदिर, जगतपुरा के अक्षयपात्र श्रीकृष्ण-बलराम मंदिर, धौलाई के इस्कॉन मंदिर, बनीपार्क के राधा-दामोदरजी मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है।

मुम्बई से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार भगवान कृष्ण जन्माष्टमी पर महाराष्ट्र में उल्लास का माहौल है और जगह-जगह पर सोमवार को पारंपरिक ‘दही हांडी’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मुंबई और राज्यों के अन्य भागों के युवा भाग ले रहे हैं। 

महाराष्ट्र में जन्माष्टमी त्योहार के दौरान दही हांडी का आयोजन किया जाता है। इस परंपरा में रंग बिरंगे कपड़े पहने युवक यानी गोविंदा दही की हांडी तक पहुंचने के लिए मानवीय पिरामिड बनाते हैं और हवा में लटकती हांडी को तोड़ते हैं। लखनऊ, भोपाल, पटना, रांची,चंडीगढ़ समेत देश के अन्य भागों से भी जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाये जाने की सूचना है।

Web Title: Krishna Janmashtami celebrations in various parts of country, News updates in Hindi

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