कोच्चि, तीन नवंबर केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि केरल लोक सेवा आयोग (केपीएससी) की 31 अक्टूबर को आयोजित परीक्षा में हालिया प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अगर कोई उम्मीदवार नहीं शामिल हो पाया है और आयोग को परीक्षा के लिए कोई अनुरोध मिलता है तो वे संभव उचित कदम उठा सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने यह 'टिप्पणी’ खुद को सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति की याचिका की सुनवाई के दौरान की। याचिका में कहा गया था कि पथनमथिट्टा और अलप्पुझा जिलों के राहत शिविर में वैसे लोग थे जो केपीएससी परीक्षा देने में असमर्थ रह गए होंगे।
याचिकाकर्ता ने बुरी तरह से बारिश से प्रभावित राज्य में ‘केपीएससी पर लापरवाह रहने’ का आरोप लगाया और उसकी निंदा की। वहीं केपीएससी ने अदालत को बताया कि वे सतर्क थे और पूर्व में भी प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर परीक्षाओं की तारीखें बदली गई हैं। आयोग ने अदालत को यह भी बताया कि राज्य की वर्तमान स्थिति के आकलन के आधार पर उन्हें परीक्षा की तारीख में बदलाव की कोई जरूरत नहीं थी।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि वह आश्वस्त नहीं हैं कि परीक्षा कार्यक्रम का पुनर्निधारण होना चाहिए।
अदालत ने केपीएससी से कहा कि अगर प्राकृतिक आपदा की वजह से कोई उम्मीदवार परीक्षा में बैठ नहीं पाया और वह अपनी असमर्थता के बारे में आयोग को समझाने में सफल रहा और परीक्षा तारीख से एक महीने के भीतर केपीएससी के पास इस संबंध में कोई भी आग्रह आता है तो केपीएससी संभव उचित कदम उठा सकता है।
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