टीकाकरण के बाद कोविड मामलों का सामने आना ‘दुर्लभ’, अग्रिम चरण में नहीं पहुंचता संक्रमण : वर्धन
By भाषा | Published: March 30, 2021 10:33 PM2021-03-30T22:33:53+5:302021-03-30T22:33:53+5:30
नयी दिल्ली, 30 मार्च अपनी पत्नी के साथ यहां मंगलवार को कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लेने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि टीकाकरण के बाद व्यक्तियों को कोरोना वायरस संक्रमण होने के मामले “बेहद दुर्लभ” हैं और उनमें बीमारी मामूली “बेहद मामूली होगी और अगले चरण में नहीं जाएगी।”
वर्धन और उनकी पत्नी नूतन गोयल को दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में टीके की दूसरी खुराक दी गई। उन्होंने भारत बायोटेक द्वारा स्वदेश में विकसित ‘कोवैक्सीन’ की पहली खुराक दो मार्च को ली थी।
सरकार के, टीका लगवाने की मंजूरी 45 साल तक के लोगों को देने के फैसले के बाद मंत्री ने टीकाकरण के पात्र सभी लोगों लोगों से टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा, “टीके की पहली खुराक लेने के बाद हमें जरा भी असहज नहीं महसूस हुआ”।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वर्धन ने टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभावों (एईएफआई) की निगरानी के लिए निर्धारित प्रक्रिया के प्रावधानों का व्यापक विवरण दिया और कहा कि टीका लगवाने वाले लाभार्थियों में एईएफआई के दुष्प्रभावों का अनुपात लगभग न के बराबर है।
उन्होंने कहा, “सभी टीके पूरी तरह सुरक्षित, संक्रमण से मुक्त और प्रभावी हैं।”
स्वास्थ्य मंत्री ने टीकाकरण के बाद लोगों के कोरोना संक्रमित होने के बारे में जताई जा रही चिंताओं का भी निराकरण किया।
बयान में उनको उद्धृत करते हुए कहा गया, “ऐसे मामले लगभग नगण्य हैं। टीके की दूसरी खुराक लेने के बाद शरीर में रोग प्रतिरक्षण के लिये एंटीबॉडी का पूरी तरह से निर्माण होने में दो हफ्ते का समय लगता है। ऐसे में इस दौरान संक्रमण की संभावना बनी रहती है। हमने इसके मद्देनजर टीकाकरण की कवायद के बावजूद सभी को कोविड अनुकूल आचरण करने का परामर्श जारी किया था।”
वर्धन ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीका लगवा चुके व्यक्ति में संक्रमण का स्तर बेहद मामूली होगा और यह अगले चरण में नहीं जाएगा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर टीके संबंधी अफवाहों को समाज के लिये कष्टप्रद बताते हुए लोगों से व्हाट्सऐप के बजाय विज्ञान पर भरोसा करने को कहा।
देश भर से सामने आ रहे कोविड-19 की दूसरी लहर के मामलों के संदर्भ में उन्होंने कहा, “यह स्थिति लोगों द्वारा कोविड अनुकूल आचरण में बरती गई लापरवाही को दर्शाती है। टीकाकरण के साथ इन मानकों का पालन करना ही इस महामारी के खिलाफ जन आंदोलन का मजबूत स्तंभ है।
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