कोलकाता: पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर ट्वीट कर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। कोलकाता पुलिस ने बाबुल सुप्रियो के उस ट्वीट का जवाब दिया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री ने एमआर बांगुर अस्पताल की हालत दिखाने वाला वीडियो पोस्ट की थी। जिसे सोमनाथ दास ने पोस्ट किया था। एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने दावा किया था कि वीडियो वायरल होने के बाद राज्य के अस्पतालों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
कोलकात पुलिस ने कहा है, 'बाबुल सुप्रियो द्वारा किया गया ये ट्वीट पूरी तरह से गलत और झूठी जानकारी है। कोलकाता पुलिस ने सोमनाथ दास के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है।'
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए उस वीडियो से विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें कथित तौर पर एक मृत मरीज को एक राजकीय अस्पताल के पृथक वार्ड में दिखाया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस वीडियो की सत्यता पर सवाल उठाया था और कहा है कि विपक्षी भाजपा फर्जी खबर फैलाने में ‘माहिर’ है।
जानें क्या था उस वीडियो में?
बाबुल सुप्रियो ने जिस वीडियो को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाए थे, वह कथित तौर पर कोलकाता के नोडल अस्पतालों में से एक एमआर बांगुर के एक आइसोलेशन वार्ड के अंदर एक कोविड-19 रोगी द्वारा बनााय गया था। वीडियो का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा वार्ड में पड़े दो शव हैं, जिन्हें निकालने का इंतजार किया जा रहा है। यहां तक कि अन्य मरीज भी इधर-उधर घूमते और इलाज की प्रतीक्षा करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो शूट करने वाला शख्स यह कहते हुए सुना जा सकता है कि शव दो से तीन घंटे से वार्ड में पड़े हैं। शवों में से एक प्लास्टिक की चादर से ढका हुआ दिखता है। वहीं, दूसरा एक कपड़े ढका हुआ है। शव के दोनों तरफ रोगी बैठे दिख रहे हैं। बाबुल सुप्रियो ने वीडियो ट्वीट कर ममता बनर्जी सरकार से इसकी सच्चाई की पुष्टि करने को कहा था।
पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि वीडियो की सत्यता का पता लगाने की जरूरत है और यदि सामग्री सही पाई जाती है तो प्रशासन उचित कदम उठाएगा। चटर्जी ने कहा, ‘‘हमें पहले जांचना होगा कि वीडियो सही है या नकली, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाजपा फर्जी वीडियो फैलाने में माहिर है।’’