कोलकाता: बागड़ी मार्केट में लगी भीषण आग, 30 दमकल बुझा रहे हैं आग
By रामदीप मिश्रा | Published: September 16, 2018 08:54 AM2018-09-16T08:54:03+5:302018-09-16T14:13:57+5:30
मिली जानकारी के अनुसार, यह आग कोलकाता के बजरी मार्केट में रात करीब पौने तीन बजे लगी है, जहां घनी बस्ती है और आग बिकराल रूप धारण किए हुए है।
कोलकाता, 16 सितंबरः पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में देर रात एक मार्केट में भीषण आग लग गई, जिससे लाखों रुपये के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। आग लगने के बाद से दमकल की तीस गाड़ियां लगातार आग बुझाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। हालांकि अभी तक यह पता नहीं लगाया जा सका है कि आग लगने की वजह क्या है।
Latest visuals: 30 fire tenders now at the spot in Bagri market on Canning Street in Kolkata where a fire broke out earlier today pic.twitter.com/FhhOWVpDEG
— ANI (@ANI) September 16, 2018
मिली जानकारी के अनुसार, यह आग कोलकाता के बागड़ी मार्केट में रात करीब पौने तीन बजे लगी है, जहां घनी बस्ती है और आग बिकराल रूप धारण किए हुए है। बताया गया कि आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और लगातार आग पर काबू करने के प्रयास कर रही हैं।
इधर, कोलकाता के मेयर सोवन चटर्जी का कहना है कि आग रात को पौने तीन बजे लगी है और इस पर काबू पाने के लिए हम बेहतर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, यहां ज्यादा इमारतें होने की वजह से दमकलकर्मियों को समस्या आ रही हैं। आग लगने की वजह से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
The fire broke out at 2:45 am. We are trying our best but firefighting operation is tough here because of the number of buildings. No injuries have been reported: Kolkata Mayor Sovan Chatterjee on fire at Bagri Market in Canning Street. #WestBengalpic.twitter.com/8BDRymZale
— ANI (@ANI) September 16, 2018
आपको बता दें, इससे पहले मुंबई के दादर इलाके में स्थित एक बहुमंजिला इमारत की 12वीं मंजिल पर 22 अगस्त को आग लगने की घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 21 अन्य घायल हो गये थे। पुलिस ने इस मामले में बिल्डर को गिरफ्तार किया था। इमारत के डेवलपर अब्दुल रज्जाक इस्माइल सुपारीवाला के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का एक मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, दमकल विभाग ने हिंदमाता सिनेमा के पास 17 मंजिला क्रिस्टल टावर से करीब तीन दर्जन लोगों को सुरक्षित निकाला था। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बताया था कि इस इमारत के पास अनिवार्य कब्जा प्रमाण-पत्र (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट) नहीं था। लेकिन करीब 58 फ्लैट मालिकों का इसमें कब्जा था। इमारत के बिल्डर और इसके 58 निवासियों को 2016 में नोटिस जारी किया गया था और सात दिनों के अंदर इमारत खाली करने को कहा गया था। लेकिन इसे अदालत में चुनौती दी गई थी।