Kolkata Doctor Rape-Murder Case:पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने सोशल मीडिया पर की गई अपनी पोस्ट को हटाकर भले ही पार्टी के साथ टकराव को टाल दिया हो, लेकिन उन्होंने इस जघन्य अपराध के खिलाफ ‘‘जन विरोध’’ का समर्थन जारी रखा है। उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि इस घटना के खिलाफ उनकी आवाज बुलंद रहेगी चाहे इससे उनकी पार्टी कठघरे में क्यों न आ जाए।
रॉय ने कहा, ‘‘अपने पूरे 56 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने आम जनता में अचानक इतना रोष कभी नहीं देखा। लोगों ने इस बात की परवाह भी नहीं की कि वह किस राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं और पीड़ित के लिए न्याय और अपराधी को सजा दिलाने के एजेंडे के साथ आधी रात को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया। मैं शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर रेत में नहीं गाड़ सकता और दिखावा नहीं कर सकता कि सब कुछ ठीक है, वह भी सिर्फ इसलिए कि मेरी पार्टी कुछ और सोचती है। मैं आखिरकार एक बिन मां की बेटी का पिता हूं और एक बच्ची का नाना हूं। मेरा परिवार भी समाज में ऐसी भयावहता का किसी दिन शिकार हो सकता है। तब मुझे कौन बचाएगा?’’
रॉय ने 18 अगस्त को ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट को मंगलवार को हटा दिया जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर मांग की थी कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुये बलात्कार और हत्या मामले में सीबीआई कोलकाता पुलिस आयुक्त को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करे।
चिकित्सक दुष्कर्म-हत्या मामला : बंगाल में चिकित्सकों की हड़ताल जारी, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में जूनियर चिकित्सकों का प्रदर्शन बुधवार को 13वें दिन भी जारी रहा, जिससे सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। अधिकारियों ने बताया कि कई अस्पतालों में जूनियर चिकित्सकों के स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सकों को ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों से फिर से काम शुरू करने का अनुरोध किया है।
एक जूनियर चिकित्सक ने कहा, ‘‘हमारी बहन को न्याय मिलने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम समझते हैं कि मरीजों को समस्या हो रही है, लेकिन हमारी मांगें उचित हैं।’’ कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई।
चिकित्सक का शव सेमीनार हॉल में मिला था और उस पर गंभीर चोटों के निशान थे। सरकारी अस्पतालों के टिकट काउंटर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं और बाह्यरोगी विभाग (ओपीडी) और गैर-आपातकालीन इकाइयों में सेवाएं प्रभावित रहीं। कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘‘जब तक यह पुष्टि नहीं हो जाती कि संबंधित चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद हैं, तब तक हम टिकट जारी नहीं कर रहे हैं। अस्पताल में हर सुबह उपचार के लिए बड़ी संख्या में मरीज आ रहे हैं, लेकिन चिकित्सक बहुत कम हैं।’’
उन्होंने बताया कि कुछ चिकित्सकों ने जूनियर चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण कई सर्जरी टाल दी हैं। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों का मृतका के परिवार को जल्द न्याय दिलाने की मांग को लेकर बुधवार को कोलकाता में एक रैली निकालने का कार्यक्रम है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को देशभर में प्रदर्शनरत चिकित्सकों से हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने का अनुरोध किया था।
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में तीन अधिकारियों को निलंबित किया
कोलकाता पुलिस ने पिछले सप्ताह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के सिलसिले में अपने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि निलंबित पुलिसकर्मियों में दो सहायक पुलिस आयुक्त शामिल हैं।
कुछ लोगों ने 15 अगस्त को तड़के आरजी कर अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग, नर्सिंग स्टेशन और दवाघर में तोड़फोड़ की थी। आर जी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के प्रदर्शन के बीच तोड़फोड़ की यह घटना हुई थी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है... इनमें दो सहायक पुलिस आयुक्त और एक निरीक्षक शामिल है।’’ मामले की जांच जारी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। घटना के अगले पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक को वारदात में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।