मरादु अपार्टमेंट मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट मालिकों दी राहत, चार सप्ताह के भीतर केरल सरकार दे 25-25 लाख रुपये का मुआवजा

By रामदीप मिश्रा | Updated: September 27, 2019 13:07 IST2019-09-27T13:04:50+5:302019-09-27T13:07:09+5:30

मरादु अपार्टमेंट मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि हर फ्लैट मालिक को मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये दिए जाएं और यह भुगतान 4 सप्ताह के भीतर किया जाए।

Kochi Maradu flats demolition case: SC orders compensation of Rs 25 lakhs to each flat owner to be paid within 4 weeks | मरादु अपार्टमेंट मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट मालिकों दी राहत, चार सप्ताह के भीतर केरल सरकार दे 25-25 लाख रुपये का मुआवजा

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केरल में कोच्चि के नजदीक स्थित मरादु के अपार्टमेंटों को गिराने के मामले में सबकी नजरें सुप्रीम अदालत के फैसले पर टिकी थीं। अब जाकर सभी को राहत मिली है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (27 सितंबर) को इस मामले की सुनवाई हुई है। इस दौरान कोर्ट ने आदेश दिया है कि हर फ्लैट मालिक को मुआवजा दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हर फ्लैट मालिक को मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये दिए जाएं और यह भुगतान 4 सप्ताह के भीतर किया जाए। वहीं, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, तकनीकी विशेषज्ञों और एक सिविल इंजीनियरों की समिति फ्लैट मालिकों को देय मुआवजे का मूल्यांकन करेगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने कोच्चि के तटीय जोन इलाकों में अवैध इमारतों के निर्माण में शामिल बिल्डरों और प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि सरकार अवैध रूप से इमारत बनाने वाले बिल्डरों और प्रमोटरों से अंतरिम मुआवजा राशि वसूल करने पर विचार कर सकती है।


आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल शुरू करते हुए केरल सरकार ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के बीच कोच्चि में चार इमारतों की बिजली और पानी की आपूर्ति रोक दी थी। न्यायालय ने तटीय नियमों का उल्लंघन करके बनी इन इमारतों को गिराने का आदेश जारी किया था। 

इसके ठीक एक दिन पहले केरल राज्य बिजली बोर्ड ने मरदु निकाय क्षेत्र में स्थित चार अपार्टमेंट की दीवार पर नोटिस चस्पा कर निवासियों को फैसले के बारे में बता दिया था। अपार्टमेंट के निवासियों ने बताया था कि कुछ घंटे बाद जलापूर्ति रोक दी गई। निवासियों ने इसका विरोध करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले केरल सरकार को फटकार लगाई थी कि इमारतों को गिराए जाने के आदेश के बाद भी सरकार इसका पालन नहीं कर रही है। केरल सरकार ने मंगलवार को बैठक की थी और केरल राज्य बिजली बोर्ड और केरल जल प्राधिकरण को तत्काल प्रभाव से अपार्टमेंट की बिजली और जल आपूर्ति बंद करने के लिए पत्र लिखने का निर्णय लिया था। 

प्रशासन के कदम को चुनौती देते हुए फ्लैट के मालिक बिजली संकट से निपटने के लिए गाड़ियों पर बड़े जेनरेटर लेकर पहुंच गए थे। फ्लैट मालिकों ने कहा था कि वे फ्लैट नहीं छोड़ेंगे क्योंकि उनका और कोई ठौर-ठिकाना नहीं है। हालांकि, एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया था कि उनका पुनर्वास किया जाएगा। जिला प्रशासन ने शीर्ष अदालत के आदेश के क्रियान्वयन के लिए बाशिंदों से सहयोग करने की अपील की थी। 

प्रशासन ने कहा था कि मरदु निकाय प्रशासन के सहयोग से उनके पुनर्वास के लिए आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। न्यायालय ने 23 सितंबर को मामले पर विचार करते हुए अवैध ढांचों को हटाने के लिए राज्य सरकार से ठोस कार्रवाई करने को कहा था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Web Title: Kochi Maradu flats demolition case: SC orders compensation of Rs 25 lakhs to each flat owner to be paid within 4 weeks

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