Video: पंजाबी परिवार में अनोखी शादी, लगाया डोनेशन बॉक्स, परिवार की अपील- गिफ्ट नहीं, किसानों के लिए दान दें
By विनीत कुमार | Published: December 9, 2020 09:25 AM2020-12-09T09:25:06+5:302020-12-09T09:29:02+5:30
किसान आंदोलन के समर्थन में एक परिवार ने शादी के मौके पर कोई भी गिफ्ट या शगुन लोगों को नहीं देने की गुजारिश की। उन्होंने एक डोनेशनल बॉक्स लगाया और लोगों को किसानों के लिए दान देने की गुजारिश की।
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच एक पंजाबी परिवार ने उन्हें अपना समर्थन जताने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। इस परिवार ने शादी में दोस्तों और अन्य लोगों से उपहार लेने से इनकार करते हुए किसानों के लिए पैसे दान करने की गुजारिश की। इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
परिवार ने एक खास डोनेशन बॉक्स भी शादी की जगह पर रखा और फिर डांस फ्लोर से लोगों को इस बारे में जानकारी देते हुए अपनी इच्छा से पैसे दान करने की गुजारिश की गई।
वायरल हो रहे वीडियो में एक शख्स ये कहता नजर आ रहा है, 'शगुन देने के लिए पैसे खर्च करने की बजाय आप कृपया दिल्ली विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए दान कीजिए। ये पैसे उन किसानों के लिए खाना, गर्म कपड़े और दूसरी जरूरी चीजों के इंतजाम पर खर्च किए जाएंगे।'
Can anything match this in dedication toward supporting #Farmers ?
— Sanjeev Goyal (@sanjeev_goyal) December 8, 2020
Today in a wedding in Mansa, Punjab.
A bag was put near stage and an announcement was made:
"We won't take any as Shagun, whatever you want to give, please put in the bag, and money will go to #FarmersProtest " pic.twitter.com/mzATmnaroi
ये शादी चंडीगढ़ से करीब 250 किमी दूर पंजाब के मुक्तसर में हुई। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 14 दिनों से जमे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि कृषि से जुड़े तीन कानून से उनकी आय प्रभावित होगी और वे कॉरपोर्ट घरानों की कठपुतली बनकर रह जाएंगे।
किसान सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य को सुनिश्चित करने की भी मांग कर रहे हैं। किसान आशंका जता रह हैं कि एमएसपी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, केंद्र इसे किसानों के लिए सबसे बेहतर कानून बता रहा है। केंद्र का कहना है कि इससे बिचौलिए कम होंगे और किसान आपना माल जहां चाहे बेच सकेगा।
किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए केंद्र की ओर से कई बार किसानों के साथ बैठकें हो चुकी हैं लेकिन गतिरोध कायम है। किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कानूनों को खत्म किया जाए।
गृह मंत्री अमित शाह भी इसी सिलसिले में मंगलवार शाम किसान नेताओं से मिले। हालांकि, इस मुलाकात का कोई नतीजा नहीं निकल सका। इस बीच आज यानी 9 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच होने वाली बैठक को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है।