Kinnaur Landslide: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बड़े भूस्खलन के बाद मलबे में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। अब तक 14 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा, "किन्नौर जिले के नुगुलसारी इलाके में एक सड़क पर भूस्खलन के बाद 50-60 लोग मलबे में फंस सकते हैं।" भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और राज्य पुलिस की टीमें बचाव कार्य कर रही हैं, लेकिन पहाड़ों से पत्थरों का गिरना और खिसकना उनके काम को मुश्किल बना रहा है।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक के अनुसार, 40 से अधिक यात्रियों को ले जा रही हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस सहित कई वाहन मलबे के नीचे दब गए हैं। उन्होंने कहा कि बस किन्नौर के रिकांग पियो से शिमला जा रही थी।
प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर किन्नौर में भूस्खलन की स्थिति का जायजा लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात कर वहां भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘किन्नौर में भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की।
प्रधानमंत्री ने वहां जारी राहत अभियान के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।’’ हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को हुए बड़े भूस्खलन में मलबे के नीचे 40 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बस समेत कई वाहन मलबे में दब गए हैं। बस में करीब 40 यात्री सवार थे।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की। गृह मंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया है। ठाकुर ने कहा कि गृह मंत्री ने उनसे बात की है और फिलहाल शीर्ष प्राथमिकता मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने और उन्हें बेहतर इलाज देने की है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस और कई अन्य वाहन मलबे के नीचे दबे हुए हैं। उन्होंने बताया कि बस के चालक और परिचालक को चोटें आई हैं और वे इस स्थिति में नहीं हैं कि यात्रियों की सही-सही संख्या बता सकें।
ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और स्थानीय पुलिस राहत अभियान के लिए मौके पर पहुंची हुई है। उन्होंने बताया कि सेना के एक अधिकारी ने भी उन्हें मदद देने को कहा है।