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Kho Kho World Cup 2025: जूते और टी शर्ट का पैसा नहीं था, मोनिका की कहानी सुन रो देंगे आप, इस लड़की ने रचा इतिहास

By एस पी सिन्हा | Updated: February 20, 2025 15:52 IST

Kho Kho World Cup 2025: नई दिल्ली में इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन हुआ था।

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ठळक मुद्देपिता को मुझ पर पूरा भरोसा था कि एक दिन मैं परिवार का नाम रोशन करूंगी।आय का एकमात्र स्रोत पिता का ऑटो है और उसी से घर चलता है। मोनिका के अनुसार घर के आर्थिक हालात कभी अच्छे नहीं रहे।

Kho Kho World Cup 2025: कहावत है कि होनहार बिरवान के होत चिकने पात, यह कहावत बिहार की बेटियां भी चरितार्थ कर रही हैं। इसी कड़ी में बिहार के भागलपुर जिले के गोपालपुर प्रखंड के एक छोटे से गांव डिमाहा की रहने वाली मोनिका शाह खो खो विश्व कप खेलने गई थी। ऑटो चालक की बेटी मोनिका ने कभी भी अपने ऊपर अभावों को हावी नहीं होने दिया। मोनिका के अनुसार घर के आर्थिक हालात कभी अच्छे नहीं रहे। आय का एकमात्र स्रोत पिता का ऑटो है और उसी से घर चलता है। पिता को मुझ पर पूरा भरोसा था कि एक दिन मैं परिवार का नाम रोशन करूंगी।

खो खो विश्व कप जीत का परचम लहराने के बाद शान से अपने गांव लौटी तो गांव के लोगों दिल खोलकर उसका स्वागत किया। मोनिका ने बताया कि मेरे पास कभी पैसे नहीं हुआ करते थे, लेकिन मेरे पिता ने मुझे खेल किट और अन्य संसाधन दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया। उसने बताया कि खेल के लिए एक जूते और टी शर्ट का पैसा नहीं था।

खाली पैर अभ्यास किया। स्कॉलरशिप के पैसे से पूरे साल का मेंटेनेंस करते थे। घर से जो सहयोग मिलता था, उस पैसे से मैं खेल से जुड़े सामान खरीदते थे। मोनिका ने दुख जताते हुए कहा कि मुझे मलाल है कि वर्ल्ड चैंपियन की खिलाड़ी होने के बावजूद बिहार सरकार से अब तक कोई मदद नहीं मिली है। मेरे साथ खेलने वाले अलग-अलग राज्यों के खिलाड़ी थे, जिन्हें वहां के राज्य सरकारों द्वारा मदद मिली।

वहां के मुख्यमंत्री और मंत्री ने उन खिलाड़ियों से बातचीत कर मिलने के लिए बुलाया। जबकि हमें अब तक किसी का भी कॉल नहीं आया। उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि सरकारी मदद मिलेगी। मोनिका ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह से मेरे माता-पिता ने लोगों की परवाह किए बगैर मेरा सपोर्ट किया उसी तरह से आप भी अपने बच्चों का समर्थन करें।

आपके बच्चे हैं, उनके सपनों को पूरा करना आपका कर्तव्य है। बच्चों को थोड़ी सी स्वतंत्रता दीजिए और फिर देखिए वो कहां से कहां पहुंच जाता है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों कॉमनवेल्थ गेम्स और 2036 में भारत में होने वाले ओलंपिक गेम में हिस्सा लेकर देश का मान सम्मान बढ़ाना चाहती हूं।

मोनिका के पिता बिनोद शाह ने कहा कि उनकी इतनी कमाई नहीं थी कि वो बेटी के लिए खेल किट खरीद सकें। लेकिन बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने जमा पूंजी जोड़कर वो सभी जरूरतें पूरी करने की कोशिश की जो एक खिलाड़ी को चाहिए। उन्होंने कभी इसके बारे में सोचा नहीं था कि बेटी नाम रौशन करेगी।

उन्होंने कहा कि वे पहले रिक्शा चलाते थे 13 साल उन्होंने रिक्शा चलाया। बेटी को छोड़ने के लिए रिक्शा से स्कूल चले जाते थे। जब उसे होश हुआ तो खुद स्कूल चली जाती थी। दिल्ली में ही उन्होंने सब्जी भी बेची। अभी दूसरे की खेती और मजदूर करते हैं। बता दें कि नई दिल्ली में इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 13 से 19 जनवरी तक खो-खो वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन हुआ था।

वीमेंस टीम इंडिया ने पहला मैच साउथ कोरिया के खिलाफ खेला था। भारत ने यह मुकाबला बहुत ही बड़े अंतर से जीता था। वीमेंस का फाइनल मैच भारत और नेपाल के बीच खेला गया। इस मुकाबले में भारत को नेपाल से टक्कर मिली। हालांकि टीम इंडिया ने बड़ी बढ़त के साथ मैच को जीत लिया। टीम इंडिया ने उसे 78-40 के अंतर से हराया था। मैच में बेस्ट डिफेंडर का ट्रॉफी मोनिका को मिला था।

टॅग्स :दिल्लीबिहारपटना
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