'खालिस्तानी कनाडाई खुफिया अधिकारियों के लिए काम कर रहे हैं!' कनाडा में भारत के निवर्तमान उच्चायुक्त संजय वर्मा ने किए चौंकाने वाले खुलासे
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: October 21, 2024 10:49 IST2024-10-21T10:48:06+5:302024-10-21T10:49:52+5:30
कनाडा में भारत के निवर्तमान उच्चायुक्त संजय वर्मा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को "राजनीति से प्रेरित" बताते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भारत-कनाडा के राजनीतिक संबंधों को नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कनाडा सबूतों के आधार पर नहीं बल्कि खुफिया जानकारी के आधार पर काम कर रहा है।

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नई दिल्ली: कनाडा में भारत के निवर्तमान उच्चायुक्त संजय वर्मा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को "राजनीति से प्रेरित" बताते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भारत-कनाडा के राजनीतिक संबंधों को नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कनाडा सबूतों के आधार पर नहीं बल्कि खुफिया जानकारी के आधार पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ओटावा केवल खालिस्तान चरमपंथियों को बढ़ावा दे रहा है, जो कनाडाई खुफिया अधिकारियों के लिए काम कर रहे हैं।
कनाडा ने पिछले सप्ताह संजय वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को आपराधिक गतिविधियों में कथित भूमिका के लिए निष्कासित करने का दावा किया था, जबकि भारत ने कहा था कि उसने वर्मा और अन्य को वापस बुला लिया है। जवाबी कार्रवाई में भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। वर्मा ने रविवार को भारत रवाना होने से पहले कनाडा के सीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, "उन्होंने (जस्टिन ट्रूडो) खुद स्वीकार किया कि कोई सबूत नहीं था। खुफिया जानकारी के आधार पर, अगर आप किसी रिश्ते को नष्ट करना चाहते हैं, तो ऐसा करें। और उन्होंने यही किया।"
कनाडा में हुई कुछ हत्याओं के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने कहा कि भारत ने ऐसा कभी नहीं किया, लेकिन कुछ जी7 देशों ने ऐसा किया है और इस बारे में “दोहरा मापदंड” नहीं होना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या निज्जर की हत्या से उनका कोई लेना-देना था, वर्मा ने कहा, “बिल्कुल भी नहीं। कोई सबूत पेश नहीं किया गया। यह राजनीति से प्रेरित है।”
वर्मा ने कहा कि कनाडा ने पहले सबूत साझा करने की सामान्य प्रथा का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा, “सबूत पहले साझा किए जाने चाहिए थे, लेकिन किसी (ट्रूडो) ने संसद में खड़े होकर उस चीज़ के बारे में बात करने का फैसला किया, जिसके बारे में उन्होंने खुद कहा है कि कोई ठोस सबूत नहीं है।” उन्होंने कहा कि कनाडा ने आतंकी गतिविधियों में शामिल 26 व्यक्तियों के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोधों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा, “जिस दिन उन्होंने ऐसा किया, तब से उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध केवल नीचे की ओर जाएं, नीचे की ओर बढ़ते जाएं।” वर्मा के अनुसार, कनाडा के पास जो सबूत होने का दावा किया गया है, वह सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है। मुझे पक्का पता है कि वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के पास जाते हैं और सुनी-सुनाई बातों के बारे में पूछते हैं। उनमें से ज़्यादातर खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी तत्व हैं।
कनाडा के अधिकारी वर्मा से पूछताछ करना चाहते थे और उन्होंने भारत से उनकी राजनयिक छूट को खत्म करने पर विचार करने को कहा था। वर्मा ने कहा, “अगर मुझसे पूछताछ की जा रही है, तो मुझे सबूत देखने होंगे और जानना होगा कि मुझसे किस लिए पूछताछ की जा रही है।” उन्होंने उन आरोपों का जोरदार खंडन किया कि वह और अन्य भारतीय राजनयिक ऐसी जानकारी एकत्र कर रहे थे जिसका इस्तेमाल कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाने के लिए किया गया।
वर्मा ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्व क्या कर रहे हैं? यह मेरा राष्ट्रीय हित है। न्यायेतर हत्याओं पर वर्मा ने कहा कि भारत सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में ऐसा कभी नहीं करेगा।