कोरोना संकट: कर्मचारियों की सैलरी काटने के लिए अध्यादेश लाएगी केरल सरकार, हाईकोर्ट ने वेतन कटौती पर लगाई है रोक

By निखिल वर्मा | Updated: April 29, 2020 13:53 IST2020-04-29T13:51:19+5:302020-04-29T13:53:19+5:30

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कहना है कि राज्य वित्तीय संकट से गुजर रहा है क्योंकि आयकर संग्रह काफी गिरा है.पहले से ही कमजोर आर्थिक स्थिति को इस महामारी ने और बदतर कर दिया है. मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि जब राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा तब काटी गई राशि को लौटाने पर भी विचार किया जाएगा.

Kerala to bring ordinance to cut salary of employees in emergencies | कोरोना संकट: कर्मचारियों की सैलरी काटने के लिए अध्यादेश लाएगी केरल सरकार, हाईकोर्ट ने वेतन कटौती पर लगाई है रोक

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsकेरल सरकार ने कहा है कि जिन कर्मचारियों का वेतन प्रति महीने 20,000 रुपये से कम है, उनके वेतन में कोई कटौती नहीं होगी। केरल में कोरोना वायरस के 485 मामले आए हैं और इस खतरनाक वायरस के चार लोगों की मौत हुई है

केरल सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए धन जुटाने के वास्ते अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय किया है। यह जानकारी केरल के वित्त मंत्री थामस इसॉक ने दी है। इससे पहले मंगलवार (28 मार्च) को केरल हाईकोर्ट ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती के राज्य सरकार के आदेश पर मंगलवार को दो महीने के लिए रोक लगा दी। जस्टिस बी कुरियन थॉमस ने सरकार के फैसले को चुनौती देनी वाली विभिन्न याचिकाओं पर विचार करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया। ये याचिकाएं कर्मचारियों और उनके संगठनों द्वारा दायर की गयी हैं।

केरल सरकार ने 22 अप्रैल के अपने आदेश में कहा था कि अगले पांच महीनों तक हर महीने राज्य सरकार के कर्मचारियों का छह दिनों का वेतन काटा जाएगा। आदेश में कहा गया था कि यह राज्य के स्वामित्व वाले सभी उद्यमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अर्ध-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों आदि के कर्मचारियों पर लागू होगा। आदेश में यह भी कहा गया था कि मंत्रियों, विधायकों, विभिन्न बोर्डों, स्थानीय निकायों, आयोगों के सदस्यों को एक वर्ष तक 30 प्रतिशत कम वेतन मिलेंगे।

डॉक्टरों के संघ ने किया विरोध

केरल चिकित्सा अधिकारी संघ (केजीएमओए) ने भी वेतन कटौती का विरोध किया था। संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा घोषित वेतन कटौती के दायरे में नहीं रखना चाहिए। केजीएमओए के प्रदेश प्रमुख डॉ जोसेफ चाको ने मुख्यमंत्री पी विजयन को लिखे एक पत्र में कहा कि अगले पांच महीनों के लिए वेतन के एक हिस्से के भुगतान को स्थगित करने का सरकार का निर्णय "क्रूर और अमानवीय" है और इससे उनके मनोबल पर असर पड़ेगा।

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