केरल की नन लूसी कलाप्पुरा ने खुद को फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कोंग्रेगेशन’ (एफसीसी) ने निष्कासित किए जाने के फैसले के खिलाफ वेटिकन को पत्र लिखा है। कलाप्पुरा ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ ये 'अनुशासनात्मक कार्रवाई' एक नन से रेप के आरोपी बिशप के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करने के लिए की गई है।
एफसीसी से खुद को निष्कासित किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए कलाप्पुरा ने वेटिकन के कोंग्रेगेशन ऑफ ओरियंटल चर्चेस को लिखे खत में अपने मामले को पोप फ्रांसिस के सामने रखने की इजाजत मांगी है।
लूसी कलाप्पुरा ने की पोप के सामने पेश होने की अपील
कोंग्रेगेशन ऑफ ओरियंटल चर्चेस, परफेक्ट, लियोनार्डो कार्डिन सैंड्री को लिखे खत में लूसी ने लिखा है, 'मुझे सिग्नेचरा एपोस्टोलिका के सर्वोच्च न्यायाधिकरण के आगे अपील का अवसर प्रदान करने के लिए मैं तहे दिल से आभारी हूं। यह इस संबंध में वांछित है, कि मुझे न्यायाधिकरण के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का अवसर प्रदान किया जाए ताकि मैं अपने माननीय सदस्यों को इस स्थिति के बारे में बता सकूं।'
उन्होंने लिखा है, "यह अनुरोध किया जाता है, मुझे अपने मामले को पोप फ्रांसिस के सामने प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए, जिनकी मैं वंदना करती हूं और जिनकी न्याय की भावना में मुझे पूरा भरोसा है।'
एफसीसी से निष्कासित होने के खिलाफ दायर लूसी की एक अपील वेटिकन द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी है, और अब अगर उनकी ये दूसरी अपील भी खारिज हो जाती है तो उनके पास कॉन्वेंट छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा।
वेटिकन ने लूसी कलाप्पुरा की पहली अपील की थी खारिज
इससे पहले वेटिकन ने ‘फ्रांसिस्कन क्लेरिस्ट कोंग्रेगेशन’ (एफसीसी) के फैसले के खिलाफ दायर लूसी कलाप्पुरा की अपील खारिज कर दी थी। एफसीसी ने उन्हें जीवनशैली को लेकर संतोषजनक जवाब दे पाने में नाकाम रहने पर इस साल अगस्त में निष्कासित किया था।
सिस्टर कलाप्पुरा कथित रूप से एफसीसी नियमों का उल्लंघन कर अपनी जीवनशैली के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर चर्च की नाराजगी का सामना कर रही हैं। नन से रेप के आरोपी बिशप फ्रेंको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी शामिल होने का आरोप है।
सिस्टर लूसी ने उस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था जिसमें एक नन के साथ रेप के आरोपी बिशप फ्रेंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग की गयी थी।