कोच्चि, 12 अप्रैल राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के टी जलील ने सोमवार को लोकायुक्त की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
इस रिपोर्ट में जलील को बतौर लोक सेवक अपने पद का दुरुपयोग कर एक रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने का दोषी ठहराया गया है।
पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में लोकायुक्त ने कहा था कि जलील को मंत्री पद पर बरकरार नहीं रखा जाना चाहिए।
जलील ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि बिना किसी प्राथमिक जांच अथवा नियमित पड़ताल के रिपोर्ट तैयार की गई।
उन्होंने याचिका में यह भी दावा किया कि केरल लोक आयुक्त अधिनियम के तहत इस मामले की जांच लोकायुक्त के दायरे में नहीं आती।
जलील ने यह भी दावा किया कि केरल के उच्च न्यायालय और राज्यपाल ने भी इस संबंध में याचिकाओं को सुनने से इंकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त की खंडपीठ ने कहा था कि मंत्री के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग, पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आरोप साबित हुए हैं।
मुस्लिम यूथ लीग ने दो नवंबर 2018 को आरोप लगाया था कि नियमों का उल्लंघन कर अदीब के टी को केरल राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम का महाप्रबंधक नियुक्त किया गया था जोकि जलील के रिश्तेदार हैं।
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